क्या सुकमा में 15 सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया?

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क्या सुकमा में 15 सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया?

सारांश

सुकमा में 15 सक्रिय नक्सलियों का आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस आत्मसमर्पण से न केवल हिंसा का मार्ग छोड़ा गया, बल्कि क्षेत्र में शांति की स्थापना की दिशा में भी एक कदम बढ़ाया गया।

Key Takeaways

  • सुकमा में 15 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
  • इन नक्सलियों पर कुल 48 लाख रुपये का ईनाम था।
  • महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा ने इस आत्मसमर्पण को शांति का एक कदम बताया।
  • यह आत्मसमर्पण नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान की सफलता को दर्शाता है।
  • इस घटना से अन्य नक्सलियों को भी हिंसा का रास्ता छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।

सुकमा, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान को सोमवार को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली, जब सुकमा में 15 नक्सलियों ने हिंसा का मार्ग छोड़कर आत्मसमर्पण कर दिया।

इन 15 सक्रिय माओवादियों में से 48 लाख रुपये का ईनाम घोषित किया गया था। आत्मसमर्पित माओवादियों में पीएलजीए बटालियन नंबर 1 के 4 प्रमुख माओवादी शामिल हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों के अन्य नक्सलियों के साथ हैं।

इन नक्सलियों में पांच महिलाएं और 15 पुरुष हैं, जिन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़ने का निर्णय लिया। आत्मसमर्पित माओवादियों में से चार पर 8-8 लाख रुपये, दो पर 5-5 लाख रुपये, एक पर 3 लाख रुपये, एक पर 2 लाख रुपये और एक पर 1 लाख रुपये का इनाम था।

हाल ही में गरियाबंद-धमतरी-नुवापारा क्षेत्र में सक्रिय प्रमुख माओवादी इकाई उदंती एरिया कमेटी के सभी सदस्य भी पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर चुके हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रायपुर में महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा के समक्ष हुए इस आत्मसमर्पण में सात माओवादी शामिल थे, जिनमें दो शीर्ष कमांडर भी थे।

हथियार डालने वालों में एरिया कमांडर सुनील और सचिव अरीना शामिल थे, जो 2010 से हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे थे। उनके साथ अन्य माओवादी भी थे, जिन पर अलग-अलग ईनाम थे।

यह समूह एक एसएलआर, तीन इंसास राइफलों और एक सिंगल-शॉट बंदूक समेत छह हथियारों के साथ पुलिस लाइन पहुंचा। महानिरीक्षक मिश्रा ने इसे क्षेत्र में शांति बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि यह कदम उदंती एरिया कमेटी की संचालन क्षमता को कम करता है। निर्णायक मोड़ तब आया जब कमांडर सुनील ने सार्वजनिक रूप से शांति की अपील की और अन्य कार्यकर्ताओं से आत्मसमर्पण करने का आग्रह किया।

Point of View

यह आत्मसमर्पण न केवल छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान की सफलता को दर्शाता है, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी एक संदेश है जो अभी भी हिंसा के रास्ते पर हैं। यह कदम शांति की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है, और हमें उम्मीद है कि इससे अन्य लोग भी हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज में शामिल होंगे।
NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

सुकमा में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की संख्या कितनी है?
सुकमा में 15 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
इन नक्सलियों पर किस प्रकार का ईनाम था?
इन नक्सलियों में से चार पर 8-8 लाख रुपये का ईनाम था।
क्या आत्मसमर्पण से क्षेत्र में शांति बहाल होगी?
आत्मसमर्पण को क्षेत्र में शांति बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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