क्या दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख आवश्यक है?

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क्या दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख आवश्यक है?

सारांश

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाया है। क्या यह कदम वाकई प्रभावी होगा? जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोर्ट की क्या सोच है और क्या कदम उठाए जाएंगे।

Key Takeaways

  • दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आदेश देने की आवश्यकता बताई है।
  • गरीब वर्ग पर प्रदूषण का विशेष प्रभाव पड़ता है।
  • 17 दिसंबर को विस्तृत सुनवाई होगी।
  • मौसम और प्रदूषण दोनों ने स्थिति को गंभीर बना दिया है।

नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर गहरी चिंता व्यक्त की और स्पष्ट किया कि अब ऐसे आदेशों की आवश्यकता है, जिनका जमीन पर सख्ती से पालन हो सके।

दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण से संबंधित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया। सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी अपराजिता ने अदालत को बताया कि जब तक अदालत की ओर से स्पष्ट और कड़े निर्देश नहीं दिए जाते, तब तक राज्य सरकारें गंभीरता से उनका अनुपालन नहीं करतीं। उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान पाने के लिए व्यावहारिक और प्रभावी आदेश जरूरी हैं।

मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अदालत इस समस्या से पूरी तरह अवगत है और अब ऐसे आदेश पारित किए जाएंगे, जिन्हें वास्तव में लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि कुछ निर्देश ऐसे होने चाहिए, जिनका पालन जबरदस्ती भी कराया जा सके। सीजेआई ने यह भी कहा कि दिल्ली जैसे शहरी महानगरों में एक वर्ग ऐसा है, जिनकी जीवनशैली प्रदूषण की समस्या पैदा करती है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा खामियाजा गरीब और दिहाड़ी मजदूर वर्ग के लोगों को भुगतना पड़ता है।

सीजेआई सूर्यकांत ने कहा कि यह मामला बुधवार को तीन जजों की पीठ के समक्ष रखा जाएगा ताकि इस पर व्यावहारिक और ठोस आदेश दिए जा सकें। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि 17 दिसंबर को दिल्ली-एनसीआर में गंभीर वायु प्रदूषण से जुड़े सभी मामलों की विस्तृत सुनवाई की जाएगी।

इससे पहले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने कहा था कि वायु प्रदूषण को सिर्फ सर्दियों के मौसम में सामने आने वाला 'सामान्य' मामला मानकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा था कि इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए महीने में कम से कम दो बार नियमित सुनवाई की जाएगी।

प्रदूषण के साथ-साथ मौसम ने भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सोमवार को इस सीजन का सबसे घना कोहरा छाया रहा। आईजीआई एयरपोर्ट पर दृश्यता घटकर केवल 50 मीटर रह गई, जबकि सफदरजंग क्षेत्र में दृश्यता शून्य रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग के अनुसार, न्यूनतम तापमान लगभग 10 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 24 से 25 डिग्री के बीच रहने की संभावना है।

Point of View

जो न केवल स्वास्थ्य पर असर डालती है बल्कि सामाजिक असमानता को भी बढ़ाती है। सुप्रीम कोर्ट की चिंता इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उम्मीद की जा सकती है कि प्रभावी नीतियां बनेंगी जो प्रदूषण को नियंत्रित कर सकें।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में प्रदूषण की मुख्य वजहें क्या हैं?
दिल्ली में प्रदूषण की मुख्य वजहें वाहनों का बढ़ता उपयोग, औद्योगिक उत्सर्जन, और निर्माण कार्य हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को लेकर क्या कदम उठाए हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त आदेश देने की आवश्यकता बताई है।
क्या प्रदूषण केवल सर्दियों में बढ़ता है?
नहीं, प्रदूषण एक सालभर की समस्या है, लेकिन सर्दियों में यह अधिक गंभीर हो जाता है।
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