क्या लेह जिला मजिस्ट्रेट ने सुप्रीम कोर्ट में सोनम वांगचुक की हिरासत के आरोपों को खारिज किया?

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क्या लेह जिला मजिस्ट्रेट ने सुप्रीम कोर्ट में सोनम वांगचुक की हिरासत के आरोपों को खारिज किया?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट में चल रहे सोनम वांगचुक के हिरासत विवाद पर सुनवाई होने वाली है। लेह के जिला मजिस्ट्रेट ने वांगचुक की अवैध हिरासत के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी गिरफ्तारी वैध प्रक्रिया के तहत हुई है। जानिए पूरी जानकारी इस मामले पर।

Key Takeaways

  • सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है।
  • लेह जिला मजिस्ट्रेट ने सभी आरोपों को खारिज किया है।
  • प्रशासन ने उनकी गिरफ्तारी को वैध बताया है।
  • सामाजिक संगठनों ने उनकी गिरफ्तारी का विरोध किया है।
  • सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होने वाली है।

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की हिरासत को लेकर चल रहा विवाद अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। इस मामले पर बुधवार को सुनवाई होने वाली है। इससे पहले, लेह के जिला मजिस्ट्रेट ने शीर्ष अदालत में एक हलफनामा दाखिल कर वांगचुक की अवैध हिरासत के आरोपों को पूर्ण रूप से खारिज किया है।

जिला मजिस्ट्रेट ने अपने हलफनामे में स्पष्ट किया है कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पूरी तरह से वैध प्रक्रिया के तहत की गई है। उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एसएसए), 1980 के तहत हिरासत में लिया गया है। प्रशासन ने बताया कि वांगचुक की कुछ गतिविधियां राज्य की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और सामुदायिक अनिवार्य सेवाओं के लिए हानिकारक पाई गईं, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई।

हलफनामे में यह भी कहा गया है कि एनएसए के तहत हिरासत के सभी आधारों की विस्तार से समीक्षा के बाद जिला मजिस्ट्रेट ने इस पर संतोष व्यक्त किया और हिरासत का आदेश जारी किया।

प्रशासन ने बताया कि सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को हिरासत में लिया गया था और उसी दिन उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल भेजने की जानकारी दी गई थी। इसके साथ ही, लेह थाने के एसएचओ ने टेलीफोन के जरिए वांगचुक की पत्नी को भी इस संबंध में सूचना दी थी। इसलिए प्रशासन ने दावा किया है कि हिरासत की जानकारी न देने के आरोप गलत और भ्रामक हैं।

हलफनामे में यह भी कहा गया कि हिरासत में लिए जाने के 15 दिन बीत जाने के बावजूद सोनम वांगचुक या उनके परिवार की ओर से किसी भी प्रकार का आपत्ति-पत्र या ज्ञापन हिरासत प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है। प्रशासन ने आगे कहा कि जेल में वांगचुक का नियमित मेडिकल परीक्षण कराया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, सोनम वांगचुक ने बताया कि वे कोई नियमित दवा नहीं ले रहे हैं और न ही उन्होंने या उनकी पत्नी ने किसी बीमारी या दवा का जिक्र किया है।

गौरतलब है कि सोनम वांगचुक को एनएसए के तहत हिरासत में लिए जाने के बाद कई सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने विरोध जताया था। इन सब के बीच उनकी पत्नी का दावा है कि वांगचुक को अवैध तरीके से गिरफ्तार किया गया है। हालाँकि, अब लेह के जिला मजिस्ट्रेट ने शीर्ष अदालत में एक हलफनामा दाखिल कर सभी आरोपों को खारिज किया है।

सोनम वांगचुक को 24 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें राजस्थान के जोधपुर जेल में रखा गया है। उनकी गिरफ्तारी लद्दाख के लेह में हुई हिंसक घटनाओं के बाद हुई थी।

Point of View

मैं यह कहना चाहता हूँ कि हमें हर पहलू को समझने की जरूरत है। नागरिक अधिकारों और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना जरूरी है। सरकार की कार्रवाई को सही ठहराने या चुनौती देने से पहले, हमें तथ्यों की गहराई में जाकर देखना चाहिए।
NationPress
14/10/2025

Frequently Asked Questions

सोनम वांगचुक को क्यों गिरफ्तार किया गया?
सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है क्योंकि उनकी गतिविधियों को राज्य की सुरक्षा के लिए हानिकारक माना गया।
क्या उनकी गिरफ्तारी वैध है?
लेह के जिला मजिस्ट्रेट ने हलफनामे में कहा है कि उनकी गिरफ्तारी पूरी तरह से वैध प्रक्रिया के तहत की गई है।