क्या स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण की 132वीं वर्षगांठ को याद किया गया?

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क्या स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण की 132वीं वर्षगांठ को याद किया गया?

सारांश

स्वामी विवेकानंद के शिकागो में 1893 में दिए गए ऐतिहासिक भाषण की 132वीं वर्षगांठ पर भारत के प्रमुख नेताओं ने उनके योगदान को याद किया। इस दिन को 'दिग्विजय दिवस' और 'विश्व बंधुत्व दिवस' के रूप में मनाया जाता है। जानें इस अवसर पर नेताओं ने क्या कहा।

Key Takeaways

  • स्वामी विवेकानंद का शिकागो भाषण भारतीय संस्कृति का प्रतीक है।
  • यह भाषण मानवता के लिए एकता और सद्भाव का संदेश देता है।
  • 11 सितंबर को दिग्विजय दिवस और विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • नेताओं ने इस दिन को प्रेरणादायक बताया।
  • युवाओं को स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरणा लेने की सलाह दी गई।

नई दिल्ली, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। स्वामी विवेकानंद द्वारा 1893 में शिकागो में विश्व धर्म महासभा में दिए गए ऐतिहासिक भाषण की 132वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है, जिसे दिग्विजय दिवस और विश्व बंधुत्व दिवस कहा जाता है। इस अवसर पर भारत के प्रमुख नेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से स्वामी विवेकानंद के योगदान को याद किया और उनके संदेश को प्रेरणादायी बताया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा कि स्वामी विवेकानंद का भाषण एक ऐतिहासिक पल था। उन्होंने लिखा, "स्वामी विवेकानंद ने 11 सितंबर 1893 को शिकागो में जो भाषण दिया, वह एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने सद्भाव और विश्व बंधुत्व का संदेश देते हुए भारतीय संस्कृति के आदर्शों का प्रभावी ढंग से वर्णन किया। यह हमारे इतिहास के सबसे प्रेरक क्षणों में से एक है।"

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वामी विवेकानंद के भाषण को मानवता के लिए एकता और कल्याण का नया मार्ग प्रशस्त करने वाला बताया। उन्होंने लिखा, "इस ऐतिहासिक दिन पर स्वामी विवेकानंद जी के शब्दों ने मानवता को प्रेरित किया और हमारे प्राचीन आध्यात्मिकता के सिद्धांतों के माध्यम से एकता और कल्याण का नया रास्ता खोला। मैं युवाओं से आग्रह करता हूं कि वे इस प्रेरणा के स्रोत से लाभ उठाएं और एक नए भारत और बेहतर विश्व के निर्माण के लिए उनके ज्ञानवर्धक भाषण का पुनरावलोकन करें।"

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पोस्ट में स्वामी विवेकानंद के भाषण की शुरुआत "अमेरिका के बहनों और भाइयों..." को याद करते हुए कहा कि इस अभिवादन ने विश्व में भारत की छवि को नया रूप दिया। उन्होंने लिखा, "यह स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण का दिन है, जिसने पूरी दुनिया को भारतीय अध्यात्म और दर्शन से परिचित कराया! सभी को दिग्विजय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।"

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने लिखा, "1893 में, शिकागो में विश्व धर्म महासभा में स्वामी विवेकानंद के सार्वभौमिक स्वीकृति के शाश्वत शब्दों ने एक अमिट छाप छोड़ी। एक शताब्दी से भी अधिक समय बाद, उनका संदेश आज भी लाखों लोगों के दिलों में गूंजता है। विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया जाने वाला 11 सितंबर भारत की आत्मा, एकता, शांति और समावेशिता का प्रतीक है। मैं युवाओं से आग्रह करता हूं कि वे स्वामीजी के भाषणों पर पुनर्विचार करें और भारत तथा हिंदू धर्म के चिरस्थायी मूल्यों से शक्ति प्राप्त करें।"

केरल भाजपा अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने लिखा, "1893 में शिकागो में स्वामी विवेकानंद के शब्दों ने दुनिया को भारत की सभ्यतागत शक्ति से परिचित कराया। सहिष्णुता, सार्वभौमिक भाईचारे और सद्भाव का उनका संदेश आज भी प्रासंगिक है, जो भारतीयों की पीढ़ियों को आकार दे रहा है और एक आत्मविश्वासी, आत्मनिर्भर और विकसित भारत के हमारे दृष्टिकोण को प्रेरित कर रहा है।"

Point of View

बल्कि आज भी हमारे समाज में एकता और बंधुत्व का संदेश देता है। यह दिन हमें एकजुट होकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
NationPress
11/09/2025