क्या स्वतंत्रता दिवस पर राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में सोचना चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- 15 अगस्त को तिरंगा फहराना अनिवार्य है।
- राष्ट्र ध्वज देश की एकता का प्रतीक है।
- भाजपा कार्यकर्ता तिरंगा यात्रा का आयोजन कर रहे हैं।
- राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में सोचना चाहिए।
- राहुल गांधी पर आलोचना की गई।
मुंबई, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि जिस मस्जिद में तिरंगा नहीं होगा, उसे पाकिस्तानी माना जाएगा। इस बयान ने सियासी हलचल को तेज कर दिया है। भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने इस बयान की सराहना की।
भातखलकर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष का यह बयान बिलकुल सही है। 15 अगस्त को देश स्वतंत्रता दिवस मनाता है और इस दिन हर जगह तिरंगा फहराना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज देश की एकता और गर्व का प्रतीक है, इसलिए हर नागरिक को इस अवसर पर तिरंगा लहराकर देशभक्ति का संदेश देना चाहिए।
भाजपा विधायक ने बताया कि 15 अगस्त को हर साल तिरंगा यात्रा निकाली जाती है और पूरे देश में तिरंगा फहराया जाता है। इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी समुदायों से अपील की है कि स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा यात्रा का आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि यह ऐसा दिन है जब हमें राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में सोचना चाहिए और देशभक्ति को प्रकट करना चाहिए। इसी दिशा में भाजपा कार्यकर्ता पूरे देश के हर नगर और मोहल्ले में तिरंगा यात्रा का आयोजन कर रहे हैं ताकि देशभक्ति का संदेश आम जन तक पहुंचे।
भाजपा नेता ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष किया। भातखलकर ने कहा कि राहुल गांधी का चेहरा बार-बार बेनकाब हो रहा है। पुणे में वीर सावरकर के खिलाफ उनके बयान पर मानहानि मामले में राहुल गांधी ने कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि उन्हें डर लग रहा है। भातखलकर का कहना है कि डरना उनके परिवार की परंपरा है। उन्होंने राहुल गांधी को 'नंबर एक डरपोक' बताया और उनके वकील द्वारा माफी पत्र देने पर सवाल उठाया। उनका मानना है कि राहुल गांधी ने वकील पर दबाव डाला होगा, जिसकी जांच होनी चाहिए।