क्या तमिलनाडु में आईएसआईएस कट्टरपंथीकरण मामले में 7 आरोपियों और एक सोसायटी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई?

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क्या तमिलनाडु में आईएसआईएस कट्टरपंथीकरण मामले में 7 आरोपियों और एक सोसायटी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई?

सारांश

तमिलनाडु में आईएसआईएस कट्टरपंथीकरण की जांच में एनआईए ने सात आरोपियों और एक सोसायटी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की। यह मामला कोयंबटूर बम धमाके से जुड़ा हुआ है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। क्या यह जांच आगे बढ़ेगी?

Key Takeaways

  • एनआईए ने सात आरोपियों और एक सोसायटी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
  • यह मामला कोयंबटूर बम धमाके से जुड़ा है।
  • जांच में आईएसआईएस-प्रेरित कट्टरपंथी समूह का पर्दाफाश हुआ।
  • युवाओं का कट्टरपंथीकरण एक गंभीर मुद्दा है।
  • एनआईए का लक्ष्य आतंकवादी भर्ती को समाप्त करना है।

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को 2023 में सामने आए तमिलनाडु आईएसआईएस कट्टरपंथीकरण और भर्ती मामले में महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए सात आरोपियों और एक पंजीकृत सोसायटी, कोवाई अरेबिक एजुकेशनल एसोसिएशन (केएईए), के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की।

एजेंसी ने इन सभी आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपित किया है।

एनआईए की यह चार्जशीट 2022 के कोयंबटूर कार बम धमाके की जांच से संबंधित है। इस मामले में एजेंसी पहले ही चार आरोपियों, जिनमें मद्रास अरेबिक कॉलेज के प्रिंसिपल जमील बाशा भी शामिल थे, को आरोपित कर चुकी है। कोयंबटूर धमाके के 18 आरोपियों में से 14 आरोपी कोवाई अरेबिक कॉलेज के छात्र थे, जो KAEA सोसायटी के अधीन संचालित होता था।

एनआईए ने जिन सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, वे जमील के छात्र रहे हैं। आरोपियों की पहचान मोहम्मद हुसैन, इरशाद, अहमद अली, अबू हनीफा, जवाहर सादिक, शेख दाऊद और राजा मोहम्मद के रूप में की गई है। इनमें से मोहम्मद हुसैन और इरशाद को पहले दर्ज चार्जशीट में भी आरोपी बनाया गया था और अब उन पर अतिरिक्त धाराएँ लगाई गई हैं। इसके साथ ही, सोसायटी KAEA को भी कानूनी संस्था के रूप में आरोपी बनाया गया है।

अगस्त 2023 में एनआईए ने चेन्नई शाखा में यह मामला सुओ मोटू दर्ज किया था। जांच में पाया गया कि एक आईएसआईएस-प्रेरित कट्टरपंथी समूह फ्री अरेबिक लैंग्वेज क्लासेस का आवरण बनाकर युवाओं का कट्टरपंथीकरण कर उन्हें आतंकी गतिविधियों के लिए उकसाता था।

एजेंसी के अनुसार, कट्टरपंथी प्रवचन और सामग्री ऑनलाइन जूम, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से चलाई जाती थी। इसके अलावा, नियमित क्लासरूम सत्रों में भी जमील बाशा के लाइव या प्री-रिकॉर्डेड व्याख्यान प्रसारित किए जाते थे। एनआईए ने कहा कि इन कक्षाओं में शामिल युवाओं को धीरे-धीरे आईएसआईएस की विचारधारा की ओर मोड़ा गया।

एनआईए ने आगे बताया कि वह इस मामले में अपनी जांच जारी रखे हुए है और आईएसआईएस से प्रेरित कट्टरपंथी नेटवर्क को तोड़ने तथा इसमें शामिल सभी व्यक्तियों और संगठनों की भूमिका की गहन पड़ताल की जा रही है। एजेंसी का कहना है कि उसका लक्ष्य आतंकवादी भर्ती और कट्टरपंथ फैलाने वाली सभी जड़ों को समाप्त करना है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि आतंकवाद और कट्टरपंथ का मुद्दा हमारे समाज के लिए खतरा है। हमें इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि कैसे युवा इस प्रकार के विचारधाराओं से प्रभावित हो रहे हैं। राष्ट्र की सुरक्षा सबसे पहले है और हमें इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

आईएसआईएस कट्टरपंथीकरण मामला क्या है?
यह मामला तमिलनाडु में आईएसआईएस से प्रेरित कट्टरपंथीकरण और भर्ती से संबंधित है।
एनआईए ने कितने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है?
एनआईए ने सात आरोपियों और एक सोसायटी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
कोयंबटूर धमाका किससे संबंधित है?
यह धमाका 2022 में हुआ था और इसे इस केस से जोड़ा गया है।
क्या एनआईए इस मामले की जांच जारी रखेगी?
जी हां, एनआईए इस मामले में अपनी जांच जारी रखे हुए है।
कट्टरपंथीकरण का क्या असर होता है?
कट्टरपंथीकरण से युवा आतंकवादी गतिविधियों के लिए प्रेरित हो सकते हैं, जो समाज के लिए खतरा है।
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