क्या तमिलनाडु का मेट्टूर डैम तीसरी बार भरकर अपनी पूरी क्षमता पर पहुंच गया है?

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क्या तमिलनाडु का मेट्टूर डैम तीसरी बार भरकर अपनी पूरी क्षमता पर पहुंच गया है?

सारांश

तमिलनाडु का मेट्टूर डैम तीसरी बार भरकर अपनी पूरी क्षमता पर पहुंच चुका है। जानिए इसके पीछे की वजह और इससे प्रभावित होने वाले क्षेत्र के किसानों की खुशियाँ। इस बाढ़ के दौरान प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं, जानें इस लेख में।

Key Takeaways

  • मेट्टूर डैम ने अपनी जल क्षमता 120 फीट तक पहुंचाई।
  • बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है।
  • किसानों में खुशी की लहर है।
  • जल प्रवाह की समीक्षा की जा रही है।
  • प्रशासन ने सतर्कता बरतने की अपील की है।

चेन्नई, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के प्रमुख जलाशयों में से एक मेट्टूर डैम ने रविवार को इस वर्ष तीसरी बार अपनी पूरी जल क्षमता 120 फीट तक पहुंचाई है। यह स्थिति पश्चिमी घाट और आसपास के क्षेत्रों में हो रही लगातार भारी वर्षा के कारण तेज जल प्रवाह के चलते बनी है।

जल संसाधन विभाग ने डैम से छोड़े जाने वाले जल की मात्रा को 22,500 क्यूसेक से बढ़ाकर 31,000 क्यूसेक कर दिया है, जिससे जल स्तर को नियंत्रित किया जा सके और बांध की संरचनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

बाढ़ से कावेरी डेल्टा के किसानों में खुशी की लहर है, क्योंकि वे सिंचाई के लिए मुख्य रूप से कावेरी नदी पर निर्भर करते हैं। भरपूर वर्षा के चलते खेतों में खरीफ सीजन की गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे खेती को काफी बढ़ावा मिलेगा।

हालांकि, प्रशासन ने कावेरी नदी के किनारे स्थित नीचले इलाकों में रहने वालों के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की है। लोगों से सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं और स्थानीय निकायों के साथ समन्वय कर किसी भी संभावित निकासी या राहत कार्य के लिए तैयार हैं।

इस बीच, पर्यटकों और आम जनता को डैम और नदी किनारे के इलाकों में प्रवेश से रोक दिया गया है ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके। मेट्टूर डैम, जिसे स्टैनली जलाशय के नाम से भी जाना जाता है, कावेरी नदी प्रणाली के प्रबंधन और तमिलनाडु के कई जिलों में सिंचाई व्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

बांध प्राधिकरण ने कहा है कि आने वाले दिनों में वर्षा की तीव्रता और जल प्रवाह के अनुसार पानी छोड़े जाने की मात्रा की लगातार समीक्षा की जाएगी।

इस वर्ष मेट्टूर डैम पहले जनवरी में और फिर जून में भी अपनी पूर्ण क्षमता तक भर चुका है, जो इस वर्ष के मानसून की तीव्रता को दर्शाता है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन की सलाहों का पालन करें।

Point of View

जिससे स्थानीय किसानों की खुशियों में इजाफा हुआ है। हालाँकि, प्रशासन ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। यह स्थिति जलवायु परिवर्तन और मौसम की अनिश्चितताओं के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

मेट्टूर डैम क्यों भरा है?
मेट्टूर डैम भारी वर्षा के कारण अपनी पूरी जल क्षमता तक पहुंचा है।
बाढ़ का अलर्ट क्यों जारी किया गया है?
कावेरी नदी के किनारे के नीचले इलाकों में बाढ़ के खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है।
किसानों के लिए इसका क्या महत्व है?
किसान सिंचाई के लिए कावेरी नदी पर निर्भर रहते हैं, जिससे उनकी फसल बेहतर होगी।