क्या नियमित त्रिकोणासन से तनाव और चिंता को अलविदा कहा जा सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- त्रिकोणासन से शरीर की लचीलापन बढ़ती है।
- रक्त संचार में सुधार होता है।
- तनाव और चिंता में कमी आती है।
- यह पाचन को बेहतर बनाता है।
- संतुलन और एकाग्रता बढ़ाता है।
मुंबई, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज के समय में स्वस्थ और सशक्त शरीर की चाह हर किसी के मन में होती है, लेकिन व्यस्त दिनचर्या के कारण इसे पाना थोड़ी मुश्किल हो सकता है। 'त्रिकोणासन' एक ऐसा योगासन है जिसे कम समय में आसानी से किया जा सकता है और इसके कई फायदे हैं।
इस योगासन का नियमित अभ्यास करने से मांसपेशियों की लचीलापन बढ़ती है और रक्त संचार में सुधार होता है। प्रतिदिन इसके अभ्यास से शरीर को दाएं और बाएं तरफ स्ट्रेच मिलती है, जिससे पीठ, हाथों और पैरों की मांसपेशियों की सक्रियता में वृद्धि होती है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, त्रिकोणासन एक ऐसा योगासन है जो शरीर को लचीला, संतुलित और शक्तिशाली बनाता है। इसके अलावा, यह पाचन में सुधार करता है और कमर व जांघों की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
इसे करने के लिए, योगा मैट पर दोनों पैरों को 3 से 4 फीट की दूरी पर फैलाएं। दाएं पैर को 90 डिग्री बाहर की ओर घुमाएं और बाएं पैर को थोड़ा अंदर की ओर मोड़ें। अब दोनों हाथों को कंधों के स्तर पर सीधा फैलाएं और हथेलियों को नीचे की ओर रखें। धीरे-धीरे दाईं ओर झुकें और दाहिने हाथ से दाएं पैर या टखने को छूने का प्रयास करें। बायां हाथ सीधा ऊपर की ओर रखें। इस स्थिति में 20 से 30 सेकंड तक बने रहें। सांस को सामान्य रखें। फिर धीरे से ताड़ासन में वापस आएं। इसी प्रक्रिया को बाईं ओर दोहराएं।
इस क्रिया के दौरान हाथ, पैर और रीढ़ एक त्रिकोण का आकार बनाते हैं, और यह तनाव को कम करने में सहायक है, लेकिन स्लिप डिस्क या साइटिका जैसी स्थितियों में सावधानी बरतनी चाहिए।
त्रिकोणासन नियमित रूप से करने से वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही, यह तनाव और चिंता को भी कम करता है, और संतुलन और एकाग्रता में वृद्धि करता है।
इस आसन के नियमित अभ्यास से शरीर में ऊर्जा का स्तर भी बढ़ता है। हालांकि, इसके अभ्यास के दौरान कई सावधानियों का पालन करना आवश्यक है।