क्या तेजस्वी यादव चुनाव हार चुके हैं और आगे भी हारते रहेंगे: राजीव रंजन?

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क्या तेजस्वी यादव चुनाव हार चुके हैं और आगे भी हारते रहेंगे: राजीव रंजन?

सारांश

राजीव रंजन प्रसाद ने तेजस्वी यादव की हार पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी अपनी गलतियों से सीख नहीं लेते, तो वे आगे भी चुनाव हारते रहेंगे।

Key Takeaways

  • तेजस्वी यादव की हार पर राजीव रंजन का बयान
  • राजद की गलतियों से सीखने का समय
  • निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री का महत्व
  • स्वाधीनता संग्राम में वंदे मातरम की भूमिका
  • राजनीति में युवाओं की भागीदारी

पटना, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन प्रसाद ने सोमवार को कहा कि जनता ने चुनाव में राजद नेता तेजस्वी यादव को नकार दिया है। वे हाल ही में हारे हैं और यदि हार की समीक्षा नहीं करेंगे तो आने वाले चुनावों में भी हारते रहेंगे।

जदयू नेता का यह बयान उस समय आया है, जब राजद नेता तेजस्वी यादव ने एक साक्षात्कार में एनडीए की जीत को मशीनरी की जीत बताया। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि संविधान और लोकतंत्र का मजाक उड़ाने वाले तेजस्वी यादव को जनता ने नेता प्रतिपक्ष की भूमिका दी है। विधानमंडल का सत्र चल रहा हो और वे विदेश यात्रा पर चले जाएं, वहां बैठकर भारत के लोकतंत्र को गाली दें, निर्वाचन आयोग को गलत ठहराएं, इससे कुछ हासिल नहीं होने वाला। उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि जनता उन पर भरोसा क्यों नहीं कर पाती।

वंदे मातरम की 150वीं सालगिरह पर संसद में हो रही चर्चा को लेकर जदयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि यह नकारा नहीं जा सकता कि ‘वंदे मातरम’ भारतीय स्वाधीनता संग्राम का एक सुनहरा पन्ना है। यह मां भारती के यशस्वी पुत्रों के त्याग, तपस्या और बलिदान की गाथा है। जिस तरह हमारे वीरों ने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने के लिए अपने प्राण न्योछावर किए, उसी तरह ‘वंदे मातरम’ के जयघोष ने पूरे देश के युवाओं में स्वाधीनता की ललक जगाई थी। आज गर्व की बात है कि लोकसभा में इसके 150वें वर्ष पर चर्चा हो रही है। मैं विपक्ष से अपील करता हूं कि हम अपनी संस्कृति, अपने वीरों की कुर्बानी का स्मरण करें। स्वाधीनता संग्राम के इस खूबसूरत पन्ने को विवादों में न घसीटें।

उन्होंने कहा कि विपक्ष को आत्ममंथन करना चाहिए। लगातार चुनाव हार रहे हैं, तो समझना होगा कि जनता एक स्थिर और लोकप्रिय सरकार चाहती है। खोखले वादों और भ्रम की राजनीति पर जनता अब विश्वास नहीं करती। जो पार्टी अपनी गलतियों से सबक नहीं लेती, वह पश्चिम बंगाल ही नहीं, कहीं भी चुनाव लड़ेगी तो हारेगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री को लेकर राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि निशांत कुमार एक सुलझे हुए युवा हैं। इंजीनियर हैं, भविष्य में अच्छे राजनेता बन सकते हैं। युवाओं की भागीदारी राजनीति में बहुत जरूरी है। अगर वे सक्रिय राजनीति में आने का फैसला लेंगे, तो पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं को खुशी होगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक दलों को चुनावी हार से सबक सीखना चाहिए। जनता की आकांक्षाओं का ध्यान रखते हुए स्थिर शासन की आवश्यकता है। तेजस्वी यादव को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

तेजस्वी यादव की हार का क्या कारण है?
तेजस्वी यादव की हार का मुख्य कारण जनता का विश्वास न होना और पार्टी की रणनीति में कमी है।
राजीव रंजन प्रसाद ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को हार की समीक्षा करनी चाहिए, अन्यथा वे भविष्य में भी हारते रहेंगे।
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