क्या तेजस्वी यादव की 'माई बहिन मान योजना' विवादों में फंस गई है?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता की योजना है।
- धोखाधड़ी के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।
- राजनीतिक विवाद का कारण बन सकती है।
- तेजस्वी यादव का स्पष्ट जवाब है।
- संबंधित अधिकारियों की ज़िम्मेदारी पर सवाल उठ रहे हैं।
पटना, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजद के नेता तेजस्वी यादव की महागठबंधन सरकार के गठन के बाद माई बहिन मान योजना के तहत सभी महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने की योजना अब विवादों में घिरती जा रही है।
दरभंगा जिले की एक महिला ने इस योजना के संदर्भ में धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि राजद के कार्यकर्ता विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं से फॉर्म भरवाने का काम कर रहे हैं। राजद का कहना है कि सरकार बनने के बाद डेटा संग्रहण में कोई देरी न हो, इसलिए फॉर्म भरवाने का काम जारी है।
इस बीच, भाजपा पार्टी ने हमेशा से इस योजना को लेकर महागठबंधन पर सवाल उठाए हैं। दरभंगा के सिंहवाड़ा थाने में एक महिला ने माई बहिन मान योजना के माध्यम से ठगी का मामला दर्ज कराया है। प्राथमिकी दर्ज करने वाली महिला गुडिया देवी ने कहा है कि माई बहिन मान योजना का लाभ लेने के लिए फॉर्म भरवाने पर उनसे 200 रुपये की धोखाधड़ी की गई है।
महिला का आरोप है कि भोली-भाली महिलाओं का आधार नंबर, बैंक खाता संख्या और मोबाइल नंबर लेकर उसका दुरुपयोग किया जा रहा है। इस मामले में लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव, संजय यादव, ऋषि मिश्रा और मशकुर अहमद को आरोपी बनाया गया है। जब तेजस्वी यादव से इस संदर्भ में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मुद्दे को भटकाया जा रहा है।
तेजस्वी यादव ने कहा, "मंत्री पत्रकारों से मारपीट कर रहे हैं और मुझ पर केस भी दर्ज किया गया है। लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं। यह सबको पता है कि मेरे खिलाफ किसने प्राथमिकी दर्ज करवाई है। केस होना कोई बड़ी बात नहीं है।"