क्या तेलंगाना पूर्वोत्तर के विकास में साझेदारी के लिए तैयार है: मंत्री श्रीधर बाबू?

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क्या तेलंगाना पूर्वोत्तर के विकास में साझेदारी के लिए तैयार है: मंत्री श्रीधर बाबू?

सारांश

तेलंगाना के आईटी मंत्री दुदिल्ला श्रीधर बाबू ने बताया कि तेलंगाना पूर्वोत्तर राज्यों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने राज्य के विकास के नए मार्गदर्शक पहलुओं पर प्रकाश डाला और भविष्य की तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता बताई।

Key Takeaways

  • तेलंगाना पूर्वोत्तर के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
  • सरकार ने डिजिटल कनेक्टिविटी और तकनीकी सहयोग का रोडमैप तैयार किया है।
  • आगे की परियोजनाओं में साझेदारी और नवाचार है।

हैदराबाद, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना के आईटी मंत्री दुदिल्ला श्रीधर बाबू ने मंगलवार को बताया कि तेलंगाना भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तत्पर है। उन्होंने राजभवन में तेलंगाना-पूर्वोत्तर संपर्क (चरण-दो) के शुभारंभ के अवसर पर यह बात कही।

श्रीधर बाबू ने बताया कि राज्य सरकार डिजिटल कनेक्टिविटी, तकनीकी अपनाने, उद्यमिता, कौशल विकास, जीवन विज्ञान, जैव-नवाचार और ग्रामीण परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में पूर्वोत्तर के साथ सामरिक सहयोग के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार कर रही है।

उन्होंने कहा कि तेलंगाना ने देशभर के लोगों का स्वागत किया है और यह समावेशी भावना हमारी साझेदारियों का मार्गदर्शन करती है। उन्होंने यह भी बताया कि बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी की चुनौतियों के बावजूद, पूर्वोत्तर राज्यों ने डिजिटल साक्षरता, आईटी कौशल, फिनटेक और सार्वजनिक डिजिटल सेवाओं में उल्लेखनीय प्रगति की है।

मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि सरकार की विकास रणनीति भविष्य की तकनीकों के लिए तैयारी पर केंद्रित है, न कि उनके उभरने के बाद उन पर प्रतिक्रिया करने पर। उन्होंने तेलंगाना एआई इनोवेशन हब, एआई विश्वविद्यालय, एआई सिटी, देश का पहला एआई-संचालित डेटा एक्सचेंज, और एआई-एकीकृत शैक्षणिक पाठ्यक्रम जैसी पहलों पर प्रकाश डाला, जिनका उद्देश्य राज्य के प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है।

उन्होंने कहा कि जीवन विज्ञान में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने टी-हब की तर्ज पर एक समर्पित केंद्र, वन-बायो, की स्थापना की है।

भारत के विजन 2047 का उल्लेख करते हुए श्रीधर बाबू ने कहा कि देश की दीर्घकालिक आकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए सभी क्षेत्रों में समान प्रगति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत की विकास गाथा में हर क्षेत्र को शामिल किया जाना चाहिए, तभी राष्ट्र अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकता है।

उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में तेलंगाना और पूर्वोत्तर राज्य उत्तर पूर्व-तेलंगाना प्रौद्योगिकी कॉरिडोर, संयुक्त नवाचार प्रयोगशालाओं, जैव-इन्क्यूबेटरों, रचनात्मक प्रौद्योगिकी स्टूडियो और हरित ऊर्जा सहयोग जैसी पहलों पर काम करेंगे।

Point of View

तेलंगाना का पूर्वोत्तर राज्यों के विकास में योगदान एक सकारात्मक कदम है। यह न केवल क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत के विकास की समग्र कहानी में भी एक महत्वपूर्ण अध्याय होगा।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

तेलंगाना और पूर्वोत्तर राज्यों के बीच साझेदारी का क्या महत्व है?
यह साझेदारी विकास, तकनीकी नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने में मदद करती है, जिससे दोनों क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
आगामी परियोजनाओं में कौन-कौन सी पहलें शामिल हैं?
उत्तर पूर्व-तेलंगाना प्रौद्योगिकी कॉरिडोर, संयुक्त नवाचार प्रयोगशालाएं, और जैव-इन्क्यूबेटर जैसी पहलें शामिल हैं।
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