क्या 'ठाकरे ब्रांड' बेस्ट क्रेडिट सोसायटी चुनाव में असफल रहा? उत्कर्ष पैनल खाता भी नहीं खोल सका

सारांश
Key Takeaways
- उद्धव और राज ठाकरे का पहला चुनावी गठबंधन असफल रहा।
- शशांक राव का पैनल ने चुनाव में शानदार जीत दर्ज की।
- ठाकरे गुट का 9 साल का शासन समाप्त हुआ।
- आगामी नगर निगम चुनावों पर इस परिणाम का प्रभाव पड़ेगा।
- राजनीतिक गठजोड़ों की स्थिरता पर सवाल उठे।
मुंबई, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे कई वर्षों के बाद एक साथ राजनीतिक मोर्चे पर दिखाई दिए हैं। हालांकि, उन्हें अपनी पहली 'परीक्षा' में हार का सामना करना पड़ा है। बेस्ट एम्प्लॉयीज को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के चुनाव के नतीजों ने 'ठाकरे ब्रदर्स' को एक बड़ा झटका दिया है।
चुनाव से पहले शिवसेना-यूबीटी और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने सीट बंटवारे का एक फॉर्मूला तय किया था। रिपोर्टों के अनुसार, उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने 18 सीटों और राज ठाकरे की मनसे ने 2 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए, परंतु 'ठाकरे ब्रदर्स' का गठजोड़ चुनाव में सफल नहीं हो सका।
बेस्ट एंप्लॉयीज को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के बहुप्रतीक्षित चुनाव परिणाम बुधवार को घोषित हुए, जिसमें शशांक राव के पैनल ने शानदार जीत हासिल करते हुए कुल 21 में से 14 सीटों पर कब्जा जमाया। वहीं, महायुति समर्थित प्रसाद लाड पैनल को 7 सीटों पर संतोष करना पड़ा। सबसे चौंकाने वाला प्रदर्शन उत्कर्ष पैनल का रहा, जो शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और मनसे का समर्थन प्राप्त था।
इस पैनल में उद्धव और राज ठाकरे पहली बार एक साथ आए थे, लेकिन इसके बावजूद यह पैनल एक भी सीट नहीं जीत सका। इस हार के साथ, बेस्ट क्रेडिट सोसायटी (पटपेढ़ी) में ठाकरे गुट के 9 साल पुराने शासन का अंत हो गया।
आगामी मुंबई नगर निगम चुनावों की पृष्ठभूमि में, शिवसेना-ठाकरे गुट और राज ठाकरे की पार्टी मनसे मिलकर चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं; ऐसे में इस नतीजे को दोनों दलों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।