क्या टीकाराम जूली का आरोप केंद्र और राजस्थान सरकार की नीतियों को किसान विरोधी बताता है?

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क्या टीकाराम जूली का आरोप केंद्र और राजस्थान सरकार की नीतियों को किसान विरोधी बताता है?

सारांश

टीकाराम जूली ने केंद्र और राज्य सरकार पर किसानों के खिलाफ नीतियों का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में न कोई दया है, न रहम। जानिए उनके आरोपों के पीछे की सच्चाई और किसान हितों के लिए उनकी मांगें।

Key Takeaways

  • टीकाराम जूली ने केंद्र और राज्य सरकार पर किसान विरोधी नीतियों का आरोप लगाया।
  • मिलावटी खाद के मामले में सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।
  • अलवर में किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा।
  • डेयरी विभाग में गंभीर आरोप लगाए।
  • पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ कार्रवाई की बात की।

अलवर, 19 अक्‍टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने प्रदूषण को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने सरकार पर किसान विरोधी नीतियां लाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि भाजपा सरकार में न तो कोई दया है और न ही रहम की भावना।

टीकाराम जूली ने राजस्थान सरकार पर मिलावटी खाद के मामले में निष्क्रिय रहने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने मिलावटी खाद की फैक्ट्रियों को पकड़ा था, लेकिन आज तक किसी भी मालिक को गिरफ्तार नहीं किया गया। किसानों को मिलावटी खाद मिल रही है।

टीकाराम जूली ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ कार्रवाई की बातें हो रही हैं। अगर किसान अपनी पराली जलाते हैं और उसे रोकना है तो इसका मूल्य सरकार को देना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जाएगा। यह सरकार केंद्र के दबाव में किसानों के हित के खिलाफ काम कर रही है।

किसान सम्मान निधि और प्याज की कीमतों को लेकर भी टीकाराम जूली ने राज्य सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अलवर और खैरथल में प्याज की काफी मात्रा में खेती होती है, लेकिन किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा और किराए का पैसा भी नहीं निकल रहा।

राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता ने डेयरी विभाग में केंद्रीय मंत्री द्वारा अपने निजी सहायक को बैठाने को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस के निर्वाचित चेयरमैन को नाजायज तरीके से हटाया गया और सदस्यों से जबरन त्यागपत्र लिए गए। जूली ने व्यंग्य करते हुए कहा, “अलवर डेयरी का ही विकास क्यों, पूरे राजस्थान की डेयरी का विकास कराया जाए और उनके निजी सहायक को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाए।”

उन्होंने कलेक्टर पर भी गंभीर आरोप लगाए और कहा कि कलेक्टर ने परिवार के लोगों को फोन करके फॉर्म भरने से रोक दिया। जूली ने कहा, “जिला कलेक्टर के पद पर संवेदनशील होना चाहिए, चमचागिरी नहीं करनी चाहिए। भाजपा सरकार केवल दिखावे की राजनीति करती है और इनके पास कोई विजन नहीं है।”

टीकाराम जूली ने अलवर शहर के विकास की कमी को लेकर भी भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि 20 साल से भाजपा के विधायक होने के बावजूद अलवर शहर में पानी, सफाई और अन्य बुनियादी सुविधाओं का सही विकास नहीं हुआ। जूली ने आरोप लगाया कि शहर में काम केवल कागजों में किया गया और सफाई में रैंकिंग सुधार दिखावे के लिए की गई।

Point of View

टीकाराम जूली के आरोपों को सही संदर्भ में देखना आवश्यक है। यह देखा जाना चाहिए कि क्या वाकई किसान हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं या फिर यह केवल राजनीति का हिस्सा है।
NationPress
19/10/2025

Frequently Asked Questions

टीकाराम जूली ने केंद्र सरकार पर क्या आरोप लगाया?
टीकाराम जूली ने केंद्र सरकार पर किसान विरोधी नीतियां लाने का आरोप लगाया।
राजस्थान सरकार पर जूली के आरोप क्या हैं?
उन्होंने मिलावटी खाद के मामले में सरकार की निष्क्रियता और पराली जलाने के मुद्दे पर कार्रवाई की कमी की ओर इशारा किया।
अलवर में किसानों को किस प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है?
अलवर में किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा और उनके किराए का पैसा भी नहीं निकल रहा।
टीकाराम जूली ने डेयरी विभाग को लेकर क्या कहा?
उन्होंने केंद्रीय मंत्री द्वारा अपने निजी सहायक को बैठाने को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं।
राजस्थान में प्रदूषण को लेकर जूली का क्या कहना है?
उन्होंने प्रदूषण के मुद्दे पर सरकार की नीतियों पर तीखा प्रहार किया है।