क्या ट्रंप के टैरिफ पर मौलाना शहाबुद्दीन का गुस्सा जायज़ है?

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है।
- भारत ने तेल के आयात पर स्वतंत्र निर्णय लिया है।
- मौलाना शहाबुद्दीन ने प्रधानमंत्री मोदी पर विश्वास जताया है।
- भारत ने अपनी नीतियों के लिए अमेरिका से नाराजगी का सामना किया है।
- सरकार को जनता के हित को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने चाहिए।
बरेली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाते हुए बताया कि अमेरिका भारत पर अनावश्यक दबाव डाल रहा है, जो कि हमारे देश के व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
उन्होंने कहा, "अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया और फिर उसमें 25 प्रतिशत का और इजाफा कर दिया। कुल मिलाकर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाकर अमेरिका ने भारत के खिलाफ एक आर्थिक अभियान शुरू किया है। इसका सीधा असर हमारे देश के निर्यात और आयात व्यापार पर पड़ेगा।"
मौलाना शहाबुद्दीन ने भारत सरकार की प्रतिक्रिया की सराहना करते हुए कहा कि सरकार का जवाब मजबूत और प्रभावी है।
उन्होंने कहा, "यह जवाब दर्शाता है कि भारत झुकेगा नहीं और यही होना चाहिए। सरकार को देश की जनता और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने चाहिए।"
मौलाना ने यह भी कहा कि भारत ने जब तेल के आयात को लेकर स्वतंत्र निर्णय लिया और रूस के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया, तो इससे अमेरिका को नाराजगी हुई।
उन्होंने कहा, "अमेरिका को यह महसूस हुआ कि भारत की ये नीतियां उसके हितों के खिलाफ जा रही हैं। इसी नाराजगी में अमेरिका ने टैरिफ लगाकर भारत पर एक प्रकार का आर्थिक बोझ डाल दिया है।"
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता पर विश्वास जताते हुए कहा, "मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी इस चुनौती का समाधान निकालेंगे। वे इस कठिन परिस्थिति में देश को सफलता की ओर अग्रसर करेंगे। निश्चित रूप से, अमेरिका को ये बढ़ाए गए टैरिफ वापस लेने पड़ेंगे।"