क्या उद्धव ठाकरे का राजनीतिक करियर खत्म हो गया है? रामदास कदम का तगड़ा हमला

सारांश
Key Takeaways
- उद्धव ठाकरे का राजनीतिक करियर संकट में है।
- रामदास कदम का हमला उनकी रणनीतियों पर सवाल उठाता है।
- राजनीतिक एकता में कमी के चलते जनता का विश्वास घट रहा है।
- भाजपा और एकनाथ शिंदे पर ठाकरे के आरोप विवादास्पद हैं।
- संजय राउत के साथ साक्षात्कार ने उनकी स्थिति को चुनौती दी है।
मुंबई, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे पर रामदास कदम ने कठोर शब्दों में हमला किया है। उन्होंने उद्धव ठाकरे के हालिया साक्षात्कार और उनकी राजनीतिक रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि उद्धव का राजनीतिक करियर अब समाप्त हो चुका है।
उद्धव ठाकरे द्वारा 'सामना' के कार्यकारी संपादक संजय राउत को दिए गए साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "उद्धव का साक्षात्कार संजय राउत ले रहे हैं, यह तो ऐसा है जैसे बिल्ली के सामने चूहा। उद्धव ठाकरे चुनाव आयोग पर बेबुनियाद बातें करते हैं और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर मनमाने ढंग से हमला करते हैं, जो उचित नहीं है।"
रामदास कदम ने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे का राजनीतिक करियर समाप्त हो चुका है। दिल्ली के होटल लीला में क्या हुआ, इस बारे में सवाल उठाने चाहिए, मुझे सब जानकारी है और मैं इसे साझा कर सकता हूं। उद्धव ठाकरे चुनाव आयोग पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे चाहते हैं कि भाजपा एकनाथ शिंदे को राजनीतिक रूप से समाप्त कर दे और उनकी पार्टी को अपने साथ लेकर आए। उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे की सभी योजनाएँ अब बेकार हो चुकी हैं। वे न तो अपनी पार्टी को एकजुट रख पाए और न ही जनता का विश्वास जीत पाए।"
इसी क्रम में, शिवसेना की नेता शाइना एनसी ने भी उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने 'सामना' के कार्यकारी संपादक संजय राउत को दिए साक्षात्कार में यह स्वीकार किया कि उन्होंने बाला साहेब ठाकरे के विचारों और हिंदुत्व को त्याग दिया। अब वे चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हैं और दावा करते हैं कि ईवीएम में छेड़छाड़ हुई है। क्या लोकसभा चुनाव में ईवीएम विश्वसनीय थे?