क्या उमर खालिद को 13 दिन की पैरोल के लिए पांच साल का इंतजार करना पड़ा? न्याय प्रणाली में भेदभाव है?
सारांश
Key Takeaways
- उमर खालिद को 5 साल बाद 13 दिन की पैरोल मिली।
- महबूबा मुफ्ती ने न्याय प्रणाली में भेदभाव की बात की।
- उमर खालिद की बहन का निकाह 27 दिसंबर को है।
- उन्हें सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करने की शर्त है।
- उन्हें केवल परिवार और करीबी दोस्तों से मिलने की अनुमति है।
जम्मू, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली दंगा मामले में निरुद्ध जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को कड़कड़डूमा न्यायालय ने अंतरिम जमानत प्रदान की है। न्यायालय ने गुरुवार को उमर खालिद द्वारा दायर की गई उस याचिका को स्वीकार किया, जिसमें उसने अपनी बहन के विवाह में भाग लेने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी। उमर खालिद को जमानत मिलने पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
महबूबा मुफ्ती ने उमर खालिद को जमानत मिलने के बाद कहा कि यह एक दुखद और हैरान करने वाली बात है कि खालिद को 13 दिन की पैरोल के लिए पांच साल का इंतजार करना पड़ा, जबकि रेप और हत्या के दोषी बार-बार पैरोल पर बाहर आते-जाते हैं। यह हमारे न्याय प्रणाली में एक और गड़बड़ी और भेदभाव को दर्शाता है।
महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि यह दुखद और हैरान करने वाली बात है कि उमर खालिद को अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए 13 दिन की पैरोल पाने के लिए पांच साल इंतजार करना पड़ा, जबकि गुरमीत सिंह जैसे रेप और हत्या के दोषी बार-बार पैरोल पर बाहर आते हैं। यह असमानता हमारे न्याय प्रणाली में एक परेशान करने वाली गड़बड़ी को दर्शाती है।
इल्तिजा मुफ्ती ने लिखा कि उमर खालिद यूएपीए के तहत बिना किसी सजा के पांच साल से अधिक समय से जेल में हैं। उसे अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए 13 दिनों की जमानत मिली है। क्या कोई यह दिखावा करेगा कि यह न्याय है? माय लॉर्ड्स का बहुत-बहुत धन्यवाद, या क्या व्यंग्य के रूप में सच बोलना कोर्ट की अवमानना है?
उमर खालिद की बहन का निकाह 27 दिसंबर को होना है और 14 दिसंबर से 29 दिसंबर तक की जमानत अवधि मांगी गई थी। अदालत ने खालिद को 16 दिसंबर से 29 दिसंबर तक की अंतरिम जमानत मंजूर की है।
उमर खालिद को शर्तों के साथ अदालत ने अंतरिम रिहाई दी है। शर्तों के अनुसार, उमर खालिद सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करेगा, किसी भी गवाह से संपर्क नहीं करेगा और केवल परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और करीबी दोस्तों से ही मिल सकेगा। रिहाई के दौरान खालिद को अपने घर पर ही रहना होगा और केवल उन्हीं जगहों पर जाने की इजाजत है, जहां शादी से जुड़ीं रस्में और अन्य कार्यक्रम आयोजित होंगे। 29 दिसंबर की शाम तक सरेंडर करने के लिए कहा गया है।