क्या यूपी में सीबीआई ने ग्रामीण बैंक के ब्रांच मैनेजर को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा?
सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
- रिश्वतखोरी के आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा गया।
- किसानों से लोन पास करने के लिए रिश्वत की मांग की गई थी।
- जांच जारी है कि क्या ये आरोपी पहले भी ऐसे मामलों में शामिल थे।
आजमगढ़, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश में रिश्वतखोरी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी ने ग्रामीण बैंक की दुर्वासा शाखा (जिला आजमगढ़) के ब्रांच मैनेजर और एक कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।
इन दोनों आरोपियों को शनिवार को गिरफ्तार किया गया। सीबीआई की लखनऊ इकाई को शिकायत मिली थी कि दुर्वासा ब्रांच के ब्रांच मैनेजर ने एक किसान से 2 लाख 52 हजार रुपए के किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) लोन को पास करने के लिए 10 प्रतिशत यानी 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। बातचीत के बाद यह रकम 20 हजार रुपए तय की गई। किसान ने इसकी शिकायत सीबीआई को की।
शिकायत की पुष्टि होने पर सीबीआई ने 5 दिसंबर 2025 को ब्रांच मैनेजर और कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया। अगले दिन 6 दिसंबर को सीबीआई की टीम ने सावधानीपूर्वक जाल बिछाया। तय समय पर जब शिकायतकर्ता किसान ब्रांच मैनेजर को 20 हजार रुपए की रिश्वत दे रहा था, तब सीबीआई ने छापा मारकर दोनों को मौके पर पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की। महत्वपूर्ण दस्तावेज और अन्य साक्ष्य जब्त किए गए हैं। एजेंसी का कहना है कि जांच के दौरान यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या ये आरोपी पहले भी इसी तरह किसानों और ग्राहकों से रिश्वत लेते रहे हैं। बैंक के अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैंकों में आम जनता, विशेषकर किसानों को लोन के नाम पर इस तरह की रिश्वतखोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हमने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। जल्द ही आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा।