क्या यूपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष का आरोप सही है- सरकार ध्यान भटका रही है?

सारांश
Key Takeaways
- सदन की कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप
- बेरोजगारी का मुद्दा उठाया गया
- सरकार की जिम्मेदारियां पर सवाल उठाए गए
- सैफई
- विपक्ष का सक्रियता पर जोर दिया गया
लखनऊ, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र जारी है। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने विपक्ष पर सदन की कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप लगाया है। इसके जवाब में, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने इसे खारिज करते हुए सरकार पर ध्यान भटकाने का आरोप लगाया।
नेता प्रतिपक्ष एवं सपा नेता माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा, "यह आरोप पूरी तरह से गलत है कि समाजवादी पार्टी के सदस्य सदन की कार्यवाही नहीं चलने देते। सरकार जानबूझकर विधानसभा को व्यवस्थित नहीं होने देती। वह नई बाधाएं उत्पन्न कर सदन की कार्यवाही में रुकावट डालती है ताकि अपनी जिम्मेदारियों से भाग सके।"
उन्होंने आगे कहा, "विधानसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से संसदीय कार्य मंत्री की होती है। अगर सदन नहीं चल रहा है, तो इसमें विपक्ष का कोई दोष नहीं है। सरकार जानबूझकर ऐसा कर रही है ताकि उसकी गतिविधियाँ उजागर न हों।"
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने सैफई के विकास की जानकारी देते हुए कहा, "नेताजी (मुलायम सिंह यादव) और अखिलेश यादव की बदौलत सैफई गांव पूरे देश में प्रसिद्ध है। यहाँ अस्पताल, स्टेडियम और बिजली की सुविधाएं हैं। 2012 से 2017 के बीच हमने इस क्षेत्र में अच्छा विकास किया है, और यदि हम पुनः सत्ता में आते हैं, तो हम इस क्षेत्र का विकास जारी रखेंगे।"
सपा विधायक संग्राम यादव ने प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "सत्र के पहले दिन विपक्ष ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के बारे में नोटिस दिया था, जहाँ कटाव के कारण कई गांव जलमग्न हो रहे हैं। हम इस पर चर्चा चाहते थे। मैंने व्यक्तिगत रूप से नियम 56 के तहत यह मुद्दा उठाया था कि उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ रही है क्योंकि परीक्षाएँ समय पर नहीं हो रही हैं। कई युवा ओवरएज हो रहे हैं, और विभिन्न सरकारी विभागों में पद रिक्त हैं, लेकिन परीक्षाओं में देरी के कारण बेरोजगारी का मुद्दा बढ़ता जा रहा है।"