क्या उत्तराखंड की ‘ग्रामोत्थान परियोजना’ से 10 हजार से अधिक गरीब परिवारों को रोजगार का सहारा मिला?

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क्या उत्तराखंड की ‘ग्रामोत्थान परियोजना’ से 10 हजार से अधिक गरीब परिवारों को रोजगार का सहारा मिला?

सारांश

उत्तराखंड की ग्रामोत्थान परियोजना ने 10 हजार से ज्यादा गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनने में मदद की है। जानिए इस योजना के बारे में और कैसे यह ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा दे रही है।

Key Takeaways

  • ग्रामोत्थान परियोजना ने 10 हजार से अधिक गरीब परिवारों को सशक्त किया है।
  • परियोजना की कुल लागत 2789.27 करोड़ रुपए है।
  • यह योजना 2023 में शुरू हुई थी।
  • 10,732 परिवारों ने योजना का लाभ उठाया है।
  • महिलाओं की आय 1 लाख रुपए से अधिक हो गई है।

देहरादून, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड सरकार ने ग्रामीण इलाकों में गरीब परिवारों की आय में वृद्धि के लिए ग्रामोत्थान परियोजना (ग्रामीण उद्यम वेगवृद्धि परियोजना) की शुरुआत की है। इस पहल के माध्यम से अब तक 10 हजार से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में सफलता हासिल की गई है।

इस योजना को 2023 में शुरू किया गया और इसे अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास निधि की आर्थिक सहायता एवं ग्राम्य विकास विभाग के सहयोग से प्रदेश के सभी 13 जिलों के 95 विकास खंडों में लागू किया गया है।

इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य सीमित आय वाले ग्रामीण परिवारों को स्थानीय संसाधनों और उनके कौशल के अनुसार स्वरोजगार और उद्यम के अवसर प्रदान करना है। कुल 2789.27 करोड़ रुपए की लागत से संचालित इस परियोजना में 5.60 लाख निर्धन परिवारों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 3.24 लाख से अधिक परिवार इससे जुड़ चुके हैं।

परियोजना के अंतर्गत चयनित 10 हजार अति निर्धन परिवारों को विशेष पैकेज के तहत दुग्ध उत्पादन, बकरी पालन, मुर्गीपालन और रिटेल रिपेयर शॉप जैसे रोजगारों से जोड़ा गया है। यह सराहनीय है कि योजना के पहले दो वर्षों में ही 10,732 परिवारों ने इस योजना का लाभ उठाया है।

इसके अतिरिक्त, 7341 परिवारों की वार्षिक आय में 1.5 लाख रुपए से अधिक की वृद्धि हुई है, जबकि 3751 महिलाओं की वार्षिक आय 1 लाख रुपए के पार पहुंच चुकी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा, “ग्रामोत्थान परियोजना का ध्येय सीमित आय वाले ग्रामीण परिवारों को उनके कौशल और स्थानीय संसाधनों से जोड़कर आजीविका के अवसर उपलब्ध कराना है। यह योजना निर्धनतम परिवारों के लिए एक वरदान साबित हो रही है।”

यह परियोजना न केवल आत्मनिर्भरता की दिशा में ग्रामीणों को सशक्त बना रही है, बल्कि ग्रामीण उद्यमशीलता को भी नए आयाम दे रही है।

Point of View

बल्कि ग्रामीण उद्यमिता को भी प्रोत्साहित कर रही है। ऐसे प्रयासों से देश की आर्थिक प्रगति में मदद मिलती है।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

ग्रामोत्थान परियोजना का उद्देश्य क्या है?
इस परियोजना का उद्देश्य सीमित आय वाले ग्रामीण परिवारों को स्थानीय संसाधनों और कौशल के अनुसार स्वरोजगार और उद्यम के अवसर प्रदान करना है।
इस परियोजना से कितने परिवारों को लाभ मिला है?
अब तक 10,732 परिवारों ने इस योजना का लाभ उठाया है।
परियोजना की कुल लागत क्या है?
यह परियोजना 2789.27 करोड़ रुपए की लागत से संचालित की जा रही है।
कौन से रोजगारों से परिवारों को जोड़ा गया है?
दुग्ध उत्पादन, बकरी पालन, मुर्गीपालन और रिटेल रिपेयर शॉप जैसे रोजगारों से परिवारों को जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री का इस परियोजना पर क्या कहना है?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह योजना निर्धनतम परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है।