क्या उत्तरकाशी में राहत और बचाव कार्यों में केंद्र और राज्य सरकार ने पूरी ताकत झोंकी है?

सारांश
Key Takeaways
- उत्तरकाशी में राहत कार्यों की गति बढ़ाई जा रही है।
- मुख्यमंत्री धामी ने पीड़ितों से मुलाकात की।
- केंद्र सरकार ने हेलीकॉप्टर भेजे हैं।
- बचाव अभियान में सेना और अन्य विभाग शामिल हैं।
- स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।
उत्तरकाशी, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के आपदा प्रभावित धराली क्षेत्र में राहत और बचाव कार्यों में केंद्र और राज्य की एजेंसियों ने युद्धस्तर पर प्रयास तेज कर दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मौसम की चुनौतियों के बावजूद, आपदाग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में कोई कमी न छोड़ने के निर्देश दिए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार सुबह मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात की और धराली क्षेत्र में हुई प्राकृतिक आपदा के बाद चलाए जा रहे राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली।
सीएम धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार पूर्ण तत्परता के साथ राहत कार्यों में जुटी है। लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाईयां आ रही हैं, लेकिन सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय से कार्य कर रही हैं ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता मिल सके। प्रधानमंत्री मोदी ने केन्द्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री धामी भी बुधवार सुबह प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना हुए। उन्होंने पीड़ितों को हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया और राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे कर्मियों से भी मुलाकात की।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत सामग्री समय पर प्रभावितों तक पहुंचाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत कार्यों को गति देने के उद्देश्य से दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से आवश्यक खाद्य और राहत सामग्री धराली क्षेत्र में भेजी गई है। राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति तक राहत पहुंचाते हुए सामान्य स्थिति बहाल की जाए।
राज्य सरकार की मांग पर, केन्द्र सरकार ने चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से 2 चिनूक और 2 एमआई-17 हेलीकॉप्टर बुधवार तड़के ही जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर भेजे। सड़क यातायात बहाल करने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी मशीनरी भी पहुंचाई जा रही है। बचाव अभियान में भारतीय सेना के 125 सैनिक और आईटीबीपी के 83 जवान लगे हुए हैं। बीआरओ के 6 अधिकारी और सौ से अधिक श्रमिक बाधित सड़कों को खोलने के काम में जुटे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने आपदा में घायलों को उपचार प्रदान करने के लिए दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित किए हैं। साथ ही, विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी उत्तरकाशी के लिए रवाना किया गया है। विशेष रूप से मनोचिकित्सक भी आपदाग्रस्त क्षेत्र में भेजे गए हैं।
सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें बचाव अभियान में जुटी हुई हैं। प्रशासन ने इंटर कॉलेज हर्षिल, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविर स्थापित किए हैं। क्षेत्र में बिजली और संचार नेटवर्क को बहाल करने के प्रयास भी युद्धस्तर पर किए जा रहे हैं। एनआईएम और एसडीआरएफ लिम्चागाड में अस्थायी पुल निर्माण में जुट गई है। राज्य सरकार ने मंगलवार को ही अधिकारियों की एक टीम उत्तरकाशी भेजी, जिसमें तीन आईएएस, दो आईजी और तीन एसएसपी स्तर के अधिकारी शामिल थे।