क्या वंदे मातरम पर शिवसेना का विपक्ष को करारा जवाब है?
सारांश
Key Takeaways
- वंदे मातरम भारत का राष्ट्रगीत है।
- राजू वाघमारे ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है।
- महायुति पूरी तरह से एकजुट है।
- कांग्रेस को पहले इस गीत से कोई परेशानी नहीं थी।
- शिवसेना और भाजपा में नए सदस्यों का शामिल होना सामान्य है।
मुंबई, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना के प्रवक्ता राजू वाघमारे ने स्पष्ट किया कि वंदे मातरम हमारे देश का राष्ट्रगीत है और यह गर्व का प्रतीक है। उनका कहना है कि कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे को उठाना उचित नहीं है। उनका सवाल है कि कांग्रेस को इससे पहले इस गीत में कोई परेशानी क्यों नहीं थी? यह वही गीत है जो स्वतंत्रता संग्राम के समय गाया जाता था। अब अचानक कांग्रेस किसके लिए सवाल उठा रही है?
राजू वाघमारे ने आगे कहा कि उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे अक्सर हिंदुत्व की बातें करते हैं, लेकिन वंदे मातरम पर उनकी चुप्पी क्यों है? यह स्पष्ट दर्शाता है कि उनका हिंदुत्व वास्तविक नहीं है। यदि ऐसे मुद्दों पर कुछ नहीं कहना है तो हिंदुत्व की चर्चा करना भी व्यर्थ है। असली हिंदुत्व का अर्थ है ऐसे मुद्दों पर स्पष्टता से अपनी राय रखना।
सोमवार को एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस, और रवींद्र चौहान की बैठक हुई थी, जिसके संबंध में विपक्ष में ये चर्चा थी कि शायद इनमें मतभेद हैं। इस पर राजू वाघमारे ने कहा कि कोई मतभेद नहीं था। कुछ चीजें थीं जो हमें ठीक नहीं लग रही थीं और कुछ उनकी तरफ से भी थीं। इस विषय पर मुख्यमंत्री के सामने चर्चा हुई और सब कुछ सुलझा लिया गया।
उन्होंने बताया कि केडीएमसी के कार्यक्रम में भी एकनाथ शिंदे और रवींद्र चौहान एक साथ बैठे और भाषण दिया। डॉ. श्रीकांत शिंदे ने भी भाषण दिया। यह साफ है कि कोई मतभेद नहीं है। विपक्ष केवल अफवाहें फैलाते हैं ताकि भ्रम उत्पन्न कर सकें। असली बात यह है कि महायुति पूरी तरह से एकजुट है और हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे। महानगरपालिका हो या जिला परिषद, हमारा प्रयास यही होगा कि महायुति का संगठन मजबूत बने।
पार्टी में नए लोगों के शामिल होने के संदर्भ में राजू वाघमारे ने कहा कि यह हर पार्टी में होता है, विशेषकर शिवसेना और भाजपा में। लेकिन ध्यान रहे, महायुति के अंदर किसी भी पार्टी के मौजूदा सदस्य को सीधे शामिल नहीं किया जाएगा। यह निर्णय महायुति के शीर्ष नेताओं, एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने लिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग विपक्ष की पार्टियों जैसे कांग्रेस, समाजवादी पार्टी या अन्य से आना चाहें, उनका स्वागत है। हर किसी को अपनी पार्टी बढ़ाने का अधिकार है। महाराष्ट्र में विपक्ष इतना कमजोर है कि जो नेता और कार्यकर्ता महायुति में आना चाहते हैं, उन्हें हम पूरी तरह स्वीकार करेंगे, लेकिन महायुति के भीतर किसी के बीच आपसी प्रवेश नहीं होगा।