क्या विरासत संरक्षण में यूनेस्को की भूमिका महत्वपूर्ण है? : डॉ. एस जयशंकर

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क्या विरासत संरक्षण में यूनेस्को की भूमिका महत्वपूर्ण है? : डॉ. एस जयशंकर

सारांश

डॉ. एस जयशंकर ने यूनेस्को के साथ भारत की साझेदारी पर जोर दिया और बताया कि कैसे सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण हमारी पहचान और समृद्धि के लिए आवश्यक है। उन्होंने वैश्विक सहयोग और अमूर्त विरासत की सुरक्षा के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

Key Takeaways

  • अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण आवश्यक है।
  • यूनेस्को की भूमिका महत्वपूर्ण है।
  • भारत ने कई संवर्धन परियोजनाएं आरंभ की हैं।
  • सांस्कृतिक विविधता समृद्धि का आधार है।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा हेतु यूनेस्को की अंतर-सरकारी समिति के 20वें सत्र में, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बताया कि भारत, जो कि एक संस्थापक सदस्य है, ने शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के माध्यम से वैश्विक शांति और समझ को बढ़ावा देने के लिए यूनेस्को के उद्देश्यों को सशक्त रूप से आगे बढ़ाया है। इन क्षेत्रों में, मानवता ने अपने पूर्वजों की विरासत से लाभ उठाया है। जैसे-जैसे हम प्रगति और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ते हैं, यह अनिवार्य है कि हम इस विरासत का सम्मान करें, इसे संजोएं और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाएं।

उन्होंने यह भी कहा कि यूनेस्को की विरासत संरक्षण में भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, और भारत ने इसे लंबे समय से मान्यता दी है। हमने इसके प्रयासों में योगदान दिया है और इसकी सर्वोत्तम प्रथाओं से लाभ उठाया है। भारत में कई यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं और हमने दुनिया भर में कई संरक्षण और संवर्धन परियोजनाएं आरंभ की हैं।

जयशंकर ने यह भी कहा कि इस जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण पहलू अमूर्त विरासत का संरक्षण है। हम स्वीकार करते हैं कि परंपराएं, भाषाएं, रीति-रिवाज, संगीत, शिल्प कौशल, त्यौहार और प्रदर्शन कलाएं मानव विरासत के अमूल्य पहलू हैं। ये संस्कृति की सबसे लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति हैं।

उन्होंने उल्लेख किया कि यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड इंटरनेशनल रजिस्टर में श्रीमद्भगवद्गीता और भरतमुनि के नाट्यशास्त्र का समावेश उल्लेखनीय है। इसके साथ ही, हैदराबाद के साथ लखनऊ का यूनेस्को क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी के रूप में जुड़ना भी सराहनीय है। अमूर्त विरासत की हर मान्यता का प्रभाव तत्काल निर्णय से कहीं अधिक होता है। आपका कार्य न केवल सांस्कृतिक गौरव को जागृत करता है, बल्कि जीवन और आजीविका को भी प्रभावित करता है।

विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया एक बहुलवादी परिदृश्य है, जिसमें समृद्धि उसकी विविधता और जटिलता में निहित है। इसमें विशिष्टताओं और विशेषताओं का एक विस्तृत दायरा है, और यह रचनात्मकता पहचान, गौरव और इतिहास के केंद्र में है। मानवता ने जो कुछ भी अर्जित किया है, उसकी सराहना तभी होगी जब उस विरासत का सावधानीपूर्वक पोषण किया जाए।

उन्होंने कहा कि चुनौतियाँ तब उत्पन्न होती हैं जब प्रभुत्व स्थापित करने, हाशिए पर डालने या नष्ट करने के प्रयास किए जाते हैं। अमूर्त क्षेत्र में यह सांस्कृतिक दावे का रूप ले सकता है जो पारस्परिक सम्मान के विरुद्ध है। पिछले कुछ शताब्दियों में, हमने इसे स्पष्ट रूप से देखा है, और कई समाज अभी भी उस युग के निशान सहन कर रहे हैं।

जैसे-जैसे उपनिवेशवाद का अंत हुआ, दुनिया अपनी प्राकृतिक विविधता की ओर लौटने लगी। राजनीतिक और आर्थिक पुनर्संतुलन का सामना करना पड़ा। विभिन्न क्षेत्रों में दबी हुई आवाजें फिर से अभिव्यक्त होने लगीं, लेकिन यह प्रक्रिया तब तक अधूरी रहेगी जब तक सांस्कृतिक पुनर्संतुलन नहीं होगा। इसका मतलब है घरेलू स्तर पर अमूर्त विरासत की सुरक्षा और पुनरुद्धार करना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता और सम्मान को बढ़ावा देना। इस संदर्भ में वैश्विक दक्षिण विशेष ध्यान देने योग्य है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि डॉ. एस जयशंकर ने यूनेस्को के माध्यम से भारतीय संस्कृति और विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया है। यह न केवल हमारे इतिहास को संरक्षित करने का प्रयास है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण धरोहर भी है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

यूनेस्को का क्या कार्य है?
यूनेस्को का कार्य शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के माध्यम से वैश्विक शांति और समझ को बढ़ावा देना है।
भारत ने यूनेस्को में क्या योगदान दिया है?
भारत ने शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में यूनेस्को के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में योगदान दिया है।
अमूर्त विरासत क्या है?
अमूर्त विरासत में परंपराएं, भाषाएं, रीति-रिवाज, संगीत, और प्रदर्शन कलाएं शामिल हैं।
क्या यूनेस्को की मान्यता महत्वपूर्ण है?
हाँ, यूनेस्को की मान्यता सांस्कृतिक गौरव को जगाने और संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण है।
भारत में कितने यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं?
भारत में कई यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं, जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं।
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