क्या वाई. पूरन कुमार के परिवार से मिले राहुल गांधी, अविनाश राय का कहना है- यह राजनीति का वक्त नहीं?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने दिवंगत आईपीएस के परिवार से मुलाकात की।
- जातिगत भेदभाव का आरोप सरकार पर लगाया गया।
- भाजपा नेता ने राजनीति न करने की सलाह दी।
- आईपीएस की दो बेटियाँ हैं जो तनाव में हैं।
- सुसाइड नोट में 12 अधिकारियों पर आरोप हैं।
होशियारपुर, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या का मामला गंभीर रूप से चर्चा में है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को दिवंगत अधिकारी के परिवार से मुलाकात की और सरकार पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया। इसके बाद भाजपा नेता अविनाश राय खन्ना ने राहुल गांधी पर तीखा हमला किया।
अविनाश राय खन्ना ने संवाददाताओं से कहा, "कांग्रेस ने दलितों के साथ जितना अन्याय किया है, उतना और कोई नहीं कर सकता। हम डॉ. भीमराव अंबेडकर को दलितों का मसीहा मानते हैं, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें एमपी तक नहीं बनने दिया। उन्हें भारत रत्न तक नहीं दिया गया। हमारी सरकार ने उन्हें भारत रत्न देकर उचित सम्मान दिया।"
उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि इस संवेदनशील मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए। खन्ना ने कहा, "सरकार ने एसआईटी का गठन किया है, जांच चल रही है। जो प्रक्रिया इंसाफ की ओर ले जा रही है, उसे पूरा करने देना चाहिए। यह राजनीति का वक्त नहीं है।"
इससे पहले, राहुल गांधी ने दिवंगत आईपीएस के परिवार से मुलाकात की। उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग की और कहा कि हरियाणा सरकार को तमाशा बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा, "आईपीएस के परिवार पर दबाव डाला जा रहा है, यह सही नहीं है।" उन्होंने हरियाणा सरकार से अपील की कि आरोपी अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाए और दिवंगत आईपीएस का अपमान न किया जाए।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी तत्काल कार्रवाई की अपील की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आईपीएस वाई. पूरन कुमार के परिवार को व्यक्तिगत रूप से आश्वासन दिया है कि मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। आईपीएस की दो बेटियाँ हैं, जिन्होंने अपने पिता को खोया है और वे इस समय अत्यधिक दबाव और तनाव में हैं। यह स्पष्ट है कि पिछले 10-15 दिन से नहीं, बल्कि वर्षों से उनके साथ सिस्टमेटिक भेदभाव हो रहा है।
यह विवाद 7 अक्टूबर को तब शुरू हुआ, जब चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित निवास पर एडीजीपी वाई. पूरन कुमार ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में उन्होंने हरियाणा के DGP शत्रुजीत सिंह कपूर समेत 12 वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और अपमान का आरोप लगाया।