क्या 2025 में फिल्मों के डायलॉग्स ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध?
सारांश
Key Takeaways
- 2025 में कई बेहतरीन फिल्में रिलीज हुईं।
- फिल्मों के डायलॉग्स ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
- सोशल मीडिया पर ये डायलॉग्स वायरल हुए।
- राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को भी उठाया गया।
- हर फिल्म ने अपने संवादों से खास छाप छोड़ी।
नई दिल्ली, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के लिए 2025 एक अविस्मरणीय वर्ष रहा। इस साल कई बेहतरीन फिल्में प्रदर्शित हुईं, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर अपार सफलता प्राप्त की। कुछ फिल्मों ने अपनी मजबूत कहानी, शानदार गानों और प्रभावशाली डायलॉग्स के कारण दर्शकों के दिलों में खास स्थान बना लिया। इन फिल्मों के डायलॉग्स न केवल सिनेमाघरों में तालियों का कारण बने, बल्कि सोशल मीडिया पर मीम्स के रूप में वायरल होकर लोगों की जुबान पर चढ़ गए।
ये पंचलाइंस महज सिनेमाघरों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि दर्शकों के दिलों में बस गए। राजनीतिक तंज से लेकर रोमांटिक शायरी और मसाला एक्शन तक, हर प्रकार के डायलॉग्स ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
इमरजेंसी:- साल की शुरुआत कंगना रनौत के निर्देशन में बनी 'इमरजेंसी' से हुई, जो 17 जनवरी को प्रदर्शित हुई। इस फिल्म में कंगना ने इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है। इस फिल्म का सबसे चर्चित डायलॉग था, “भारत इंदिरा है और इंदिरा भारत है।” यह लाइन इंदिरा गांधी (कंगना रनौत) की राजनीतिक ताकत और व्यक्तित्व की गहराई को दर्शाती है। फिल्म में इमरजेंसी के दौर को दिखाया गया है।
बैडएस रवि कुमार :- फिर आई 'बैडएस रवि कुमार', जो 7 फरवरी को रिलीज हुई। कीथ गोम्स के निर्देशन में बनी इस फिल्म में हिमेश रेशमिया ने रवि कुमार की भूमिका निभाई है। फिल्म के दो डायलॉग्स बहुत लोकप्रिय हुए, “कुंडली में शनि, घी के साथ हनी और रवि कुमार से दुश्मनी सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है” और “मुजरिमों को जो सजा दे उसे सरकार कहते हैं, मुजरिमों को जो उड़ा दे उसे रवि कुमार कहते हैं।” दोनों लाइनें रवि कुमार (हिमेश रेशमिया) ने कहे हैं।
जाट :- 10 अप्रैल को 'जाट' रिलीज हुई। गोपीचंद मालिनेनी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में एक से बढ़कर एक डायलॉग हैं। सनी देओल का डायलॉग “इस ढाई किलो के हाथ की ताकत पूरा नॉर्थ देख चुका है…अब पूरा साउथ देखेगा।”
रेड 2 :- अजय देवगन, वाणी कपूर और रितेश देशमुख के साथ 'रेड 2' के डायलॉग्स भी दर्शकों को पसंद आए। यादगार डायलॉग्स में से एक है, "ये पांडव कब से चक्रव्यूह रचने लगे?" "मैंने कब कहा कि मैं पांडव हूं? मैं तो पूरी महाभारत हूं!" दूसरी है "आज से तुम्हारी उल्टी गिनती शुरू।" इसके साथ ही एक अन्य डायलॉग "सर्च वारंट लेकर दादा भाई के घर आए हो, अंदर शस्त्रधारी देख रहे हो," जवाब मिलता है, "हां! दरवाजा खोलो, बाहर सरकारी कर्मचारी देख रहे हो।"
सितारे जमीन पर :- 20 जून को रिलीज हुई 'सितारे जमीन पर'। आर.एस. प्रसन्ना के निर्देशन में बनी फिल्म में आमिर खान का डायलॉग, “सब अपने अपने नॉर्मल पर टिके बहते हैं… आपका नॉर्मल आपका, उनका नॉर्मल उनका।” यह लाइन फिल्म की संवेदनशील थीम को उजागर करती है।
मेट्रो इन दिनों :- 4 जुलाई को 'मेट्रो इन दिनों' प्रदर्शित हुई। अनुराग बसु के निर्देशन में बनी इस फिल्म का डायलॉग “किसी के साथ पूरी जिंदगी गुजारने के लिए बार-बार प्यार में पड़ना पड़ता है उसी एक इंसान के साथ।” सोशल मीडिया पर इस लाइन पर बने रील्स काफी लोकप्रिय हुए।
सैयारा :- मोहित सूरी के निर्देशन में बनी फिल्म 'सैयारा' 18 जुलाई को प्रदर्शित हुई। इस फिल्म का डायलॉग “सैयारा… मतलब तारों में एक तन्हा तारा, खुद जलके रोशन कर दे ये जग सारा और वो तुम हो मेरे सैयारा।” को दर्शकों ने बहुत पसंद किया।
परम सुंदरी :- 29 अगस्त को 'परम सुंदरी' रिलीज हुई। तुषार जलोटा के निर्देशन में बनी 'परम सुंदरी' का डायलॉग – “ये भारत है… केरल-मलयालम, मोहनलाल; तमिलनाडु-तमिल, रजनीकांत; आंध्र-तेलुगु, अल्लू अर्जुन; कर्नाटक-कन्नड़, यश! तुम्हारे लिए हर साउथ इंडियन मद्रासी है?” – को लोगों ने खूब सराहा।
होमबाउंड :- 26 सितंबर को नीरज घेवान की फिल्म 'होमबाउंड' प्रदर्शित हुई। फिल्म का डायलॉग – “हम चाहे जितने भी विकेट उखाड़ लें…एक सरकारी फॉर्म की कैटेगरी वाले डिब्बे भर की औकात है हमारी…बस वहीं तक सीमित हैं…वही हमारी पहचान हैं।” यह सामाजिक दबाव और जाति पर गहरा कमेंट है।