क्या ईयू ने भारत के साथ 'नए रणनीतिक एजेंडा' को मंजूरी दी है?

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क्या ईयू ने भारत के साथ 'नए रणनीतिक एजेंडा' को मंजूरी दी है?

सारांश

यूरोपीय संघ और भारत के बीच संबंधों को मजबूती देने के लिए ईयू काउंसिल ने एक नया रणनीतिक एजेंडा मंजूर किया है। यह एजेंडा व्यापार, सुरक्षा और विकास के क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसरों की ओर इशारा करता है। क्या यह सहयोग दोनों के रिश्तों को और मजबूत करेगा?

Key Takeaways

  • ईयू और भारत के बीच नया रणनीतिक एजेंडा
  • व्यापार और विकास में सहयोग
  • सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में साझेदारी
  • महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा
  • फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) की प्रगति

नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। यूरोपीय संघ और भारत के संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए ईयू काउंसिल ने सोमवार को 'नए रणनीतिक ईयू-भारत एजेंडा' को मंजूरी दी है। इस एजेंडे में व्यापार, विकास, तकनीक, सुरक्षा और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग का खाका तैयार किया गया है।

यह मंजूरी यूरोपीय संघ की उच्च प्रतिनिधि और यूरोपीय आयोग के बीच हुई बातचीत के आधार पर दी गई है, जिसका उद्देश्य भारत और यूरोपीय संघ के संबंधों को नए रणनीतिक आयाम में ले जाना है।

परिषद ने विशेष रूप से भारत और यूरोपीय आयोग के बीच चल रही फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) वार्ताओं का स्वागत किया और इसे 2025 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। परिषद ने इसे संतुलित, महत्वाकांक्षी और दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद बताया।

यह समझौता बाजार तक बेहतर पहुंच, व्यापार बाधाओं को समाप्त करने और सतत विकास से जुड़े प्रावधानों को शामिल करेगा।

बदलते वैश्विक हालात के मद्देनजर, परिषद ने भारत और ईयू के बीच सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई है। यह सहयोग आपसी विश्वास और सम्मान पर आधारित होगा।

इस दिशा में सुरक्षा और रक्षा साझेदारी स्थापित करने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है, जिससे रक्षा उत्पादन और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा मिल सके।

परिषद ने रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में भारत के साथ निरंतर संवाद और सहयोग को बनाए रखने की बात कही। इसके साथ ही, परिषद ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर आधारित बहुपक्षीय व्यवस्था और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली को बनाए रखने में भारत और ईयू की संयुक्त जिम्मेदारी को भी रेखांकित किया।

ईयू-भारत एजेंडा में लोकतांत्रिक मूल्यों, मानवाधिकारों और विशेषकर महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।

परिषद ने यूरोपीय आयोग और उच्च प्रतिनिधि से इस रणनीतिक एजेंडे को निर्धारित प्राथमिकताओं के अनुसार लागू करने की अपील की है, जिससे दोनों पक्षों के संबंध और भी मजबूत हो सकें।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि ईयू और भारत के बीच का यह नया रणनीतिक एजेंडा एक सकारात्मक दिशा में कदम है। दोनों पक्षों के लिए यह सहयोग न केवल आर्थिक दृष्टि से, बल्कि राजनीतिक और सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। ऐसे प्रयास निश्चित रूप से क्षेत्रीय स्थिरता और विकास को बढ़ावा देंगे।
NationPress
20/10/2025

Frequently Asked Questions

ईयू-भारत एजेंडा में क्या शामिल है?
इस एजेंडा में व्यापार, विकास, तकनीक, सुरक्षा और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग को शामिल किया गया है।
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) का क्या महत्व है?
एफटीए का लक्ष्य व्यापार बाधाओं को हटाना और बाजार तक बेहतर पहुंच प्रदान करना है।
भारत और ईयू के बीच सुरक्षा सहयोग का क्या महत्व है?
यह सहयोग आपसी विश्वास और सम्मान पर आधारित होगा और वैश्विक सुरक्षा के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।