क्या भारत में आईपीओ के जरिए 2025 में कंपनियों ने 19.6 अरब डॉलर जुटाए?

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क्या भारत में आईपीओ के जरिए 2025 में कंपनियों ने 19.6 अरब डॉलर जुटाए?

सारांश

भारत में आईपीओ के जरिए कंपनियों ने 2025 में अब तक 19.6 अरब डॉलर जुटाए हैं। यह संख्या दर्शाती है कि निवेशकों का रुझान पब्लिक इश्यू में कायम है, और यह आंकड़ा आगे और बढ़ने की उम्मीद है। जानिए इसके पीछे क्या कारण हैं।

Key Takeaways

  • आईपीओ के माध्यम से 19.6 अरब डॉलर की राशि जुटाई गई।
  • निवेशकों का रुझान पब्लिक इश्यू में बना हुआ है।
  • सेबी ने सुधार प्रस्तावित किए हैं।
  • 300 से अधिक कंपनियों में से आधी अपने आईपीओ मूल्य से नीचे कारोबार कर रही हैं।
  • विदेशी संस्थागत निवेशक सक्रिय भागीदार बने हुए हैं।

नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) के माध्यम से 2025 में अब तक कंपनियों ने 1.77 लाख करोड़ रुपए (19.6 अरब डॉलर) जुटाने में सफलता प्राप्त की है, जो कि 2024 के मुकाबले थोड़ी अधिक है। यह दर्शाता है कि पब्लिक इश्यू के प्रति निवेशकों का रुझान बना हुआ है।

इस वर्ष के समाप्त होने तक यह आंकड़ा और भी बढ़ने की संभावना है, क्योंकि पांच नए आईपीओ खुलने जा रहे हैं, जिसमें आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट कंपनी का 1.2 अरब डॉलर का आईपीओ शामिल है।

रिपोर्टों के अनुसार, भारत में 2024 में आईपीओ के माध्यम से कंपनियों ने 1.73 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे। यह बढ़ोतरी यह दर्शाती है कि भारतीय बाजार का तेजी से विस्तार हो रहा है और निवेशकों की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है।

विश्लेषकों का मानना है कि कंपनियां वैश्विक परिस्थितियों की कठिनाइयों से पहले ही फंडिंग प्राप्त करने के लिए आईपीओ की बढ़ती मांग का लाभ उठा रही हैं, और भारत ने कंपनियों के लिए लिस्टिंग प्रक्रिया को सरल बना दिया है।

द्वितीयक बाजार में रिकॉर्ड संख्या में भारतीय शेयरों की बिक्री के बावजूद, विदेशी संस्थागत निवेशक आईपीओ में सक्रिय भागीदार बने हुए हैं। प्राथमिक बाजारों में एफआईआई के उत्साह ने विभिन्न क्षेत्रों और बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों को उच्च मूल्यांकन पर पूंजी जुटाने में मदद की है।

इस साल अब तक सूचीबद्ध 300 से अधिक कंपनियों में से लगभग आधी कंपनियां अपने आईपीओ के समय के ऑफर प्राइस से नीचे कारोबार कर रही हैं।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने गुरुवार को प्री-आईपीओ गिरवी शेयरों को लॉक-इन करने और सार्वजनिक निर्गम प्रकटीकरण को सरल बनाने से संबंधित प्रमुख सुधारों का प्रस्ताव रखा है।

सेबी ने जारीकर्ता के निर्देशों के अनुसार, डिपॉजिटरी को गिरवी रखे गए शेयरों को लॉक-इन अवधि के लिए "गैर-हस्तांतरणीय" के रूप में नामित करने की अनुमति देने का सुझाव दिया है।

Point of View

यह कहना उचित है कि भारत का वित्तीय बाजार तेजी से विकसित हो रहा है। आईपीओ के माध्यम से कंपनियों द्वारा जुटाई गई धनराशि निवेशकों के विश्वास को दर्शाती है। हमें इस दिशा में आगे बढ़ते रहना चाहिए।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

2025 में आईपीओ के जरिए कितनी राशि जुटाई गई?
2025 में अब तक आईपीओ के जरिए कंपनियों ने 1.77 लाख करोड़ रुपए (19.6 अरब डॉलर) जुटाए हैं।
क्या भारतीय बाजार में आईपीओ की मांग बढ़ रही है?
जी हां, आईपीओ के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ रहा है और यह संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
सेबी ने आईपीओ में क्या सुधार किए हैं?
सेबी ने प्री-आईपीओ गिरवी शेयरों को लॉक-इन करने और सार्वजनिक निर्गम प्रकटीकरण को सरल बनाने के लिए प्रमुख सुधारों का प्रस्ताव रखा है।
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