क्या अंशुल कंबोज का भारतीय टीम में चयन परिवार के लिए खुशी का कारण बना?

सारांश
Key Takeaways
- अंशुल कंबोज का चयन भारतीय टेस्ट टीम में हुआ है।
- चोटिल अर्शदीप सिंह के स्थान पर उन्हें मौका मिला।
- परिवार में खुशी का माहौल है।
- अंशुल ने कड़ी मेहनत की है।
- उनका प्रदर्शन घरेलू क्रिकेट में शानदार रहा है।
करनाल, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत और इंग्लैंड के बीच 23 जुलाई से एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का चौथा टेस्ट मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में आयोजित किया जाएगा। इस टेस्ट के लिए चोटिल अर्शदीप सिंह के स्थान पर हरियाणा के करनाल के तेज गेंदबाज अंशुल कंबोज का चयन हुआ है। अंशुल के भारतीय टेस्ट में चयन से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।
अंशुल कंबोज के भाई संयम ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "उनके चयन से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। हमारे पास इस खुशी को बयां करने के लिए शब्द नहीं है। मैंने आज सुबह उसे बधाई दी। वह इंग्लैंड पहुंच चुका है।"
उन्होंने कहा कि अंशुल ने यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है। वह पूरे दिन फील्ड में रहता था और अभ्यास करता था। अगर चौथे टेस्ट में मौका मिला तो वह अच्छा प्रदर्शन करेगा।
अंशुल के कोच सतीश राणा ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि मुझे गर्व महसूस हो रहा है। उसका प्रदर्शन घरेलू क्रिकेट, आईपीएल और इंडिया ए के लिए अच्छा रहा है। अगर मौका मिला तो वह भारतीय टीम के लिए भी अच्छा प्रदर्शन करेगा।
हरियाणा विधानसभा के स्पीकर हरविंदर कल्याण ने अंशुल कंबोज की इस उपलब्धि के लिए उन्हें और उनके परिवार को बधाई दी है। किसी भी खिलाड़ी की सफलता में उसकी मेहनत के साथ-साथ उसके परिवार और कोच की तपस्या होती है। ऐसे में सभी बधाई के पात्र हैं।
अंशुल कंबोज भारत और इंग्लैंड सीरीज से पहले भारत ए और इंग्लैंड लायंस के बीच हुई सीरीज का हिस्सा रहे थे। उनका प्रदर्शन अच्छा रहा था। घरेलू क्रिकेट में भी अंशुल कंबोज ने अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया है।
दाएं हाथ के 24 साल के तेज गेंदबाज कंबोज रणजी ट्रॉफी में एक पारी में 10 विकेट लेने का अनोखा कारनामा कर चुके हैं। 24 प्रथम श्रेणी मैचों में 79, 25 लिस्ट ए मैचों में 40 और 30 टी20 मैचों में 34 विकेट उन्होंने लिए हैं। वह निचले क्रम के उपयोगी बल्लेबाज भी हैं। अगर जसप्रीत बुमराह को रेस्ट दिया गया तो उन्हें चौथे टेस्ट में मौका मिल सकता है।