क्या इंग्लैंड का कोई बल्लेबाज होता तो... मैनचेस्टर में हाथ न मिलाने के ड्रामे पर गौतम गंभीर का क्या कहना है?

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क्या इंग्लैंड का कोई बल्लेबाज होता तो... मैनचेस्टर में हाथ न मिलाने के ड्रामे पर गौतम गंभीर का क्या कहना है?

सारांश

मैनचेस्टर में एक दिलचस्प घटना हुई जब टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर ने इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स के ड्रॉ प्रस्ताव को ठुकराते हुए बल्लेबाजों का समर्थन किया। जानिए कौन थे वो खिलाड़ी और क्या हुआ मैदान पर!

Key Takeaways

  • गौतम गंभीर का बल्लेबाजों के प्रति समर्थन
  • इंग्लिश कप्तान का ड्रॉ प्रस्ताव
  • जडेजा और सुंदर का शतक
  • मैच के तनावपूर्ण पल
  • खिलाड़ियों की स्वायत्तता

मैनचेस्टर, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। टीम इंडिया के प्रमुख कोच गौतम गंभीर ने अपने बल्लेबाजों के उस निर्णय का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स द्वारा ड्रॉ के लिए की गई पेशकश को ठुकराते हुए क्रीज पर रहकर अपने शतक पूरे किए।

चौथे टेस्ट के अंतिम ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने मैच को ड्रॉ घोषित करने के लिए हाथ मिलाने का प्रस्ताव रखा, लेकिन उस समय रवींद्र जडेजा 89 और वाशिंगटन सुंदर 80 रन पर खेल रहे थे। दोनों खिलाड़ी अपने शतक के करीब थे। ऐसे में उन्होंने बल्लेबाजी जारी रखने का निर्णय लिया। इससे इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स नाखुश दिखाई दिए।

यह स्थिति तनावपूर्ण हो गई और मैदान पर बहस देखने को मिली, जिससे यह मुकाबला एक ख़तरनाक मोड़ पर समाप्त हुआ। इसके अलावा, मैच के बाद औपचारिक हैंडशेक के दौरान इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा को नजरअंदाज कर दिया।

मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब गौतम गंभीर से इस विवाद के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इंग्लैंड पर पलटवार किया।

गंभीर ने कहा, "अगर एक बल्लेबाज 90 और दूसरा 85 पर खेल रहा है, तो क्या वह शतक के हकदार नहीं? क्या वह मैदान छोड़कर चले जाते? अगर इंग्लैंड का कोई बल्लेबाज 90 या 85 पर होता और उसके पास अपना पहला टेस्ट शतक बनाने का मौका होता, तो क्या आप उसे ऐसा करने से रोकते? यह उनके ऊपर निर्भर करता है। अगर वह ऐसे खेलना चाहते हैं, तो यह उनके ऊपर है। मुझे लगता है कि वह दोनों शतक के हकदार थे, और उन्होंने शतक पूरा किया।"

ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान जब भारत ने बेन स्टोक्स की ड्रॉ के लिए हैंडशेक की पेशकश ठुकरा दी, उसके बाद रवींद्र जडेजा ने ब्रुक की गेंद पर छक्का जड़ा और फिर उसी पार्ट-टाइम गेंदबाज की फुल टॉस गेंद पर चौका लगा दिया।

इसके बाद वाशिंगटन सुंदर ने भी ब्रुक के खिलाफ एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से चौका मारते हुए जडेजा के साथ अपनी साझेदारी को 200 रन तक पहुंचाया। फिर एक खूबसूरत फ्लिक शॉट के जरिए दो रन लेकर सुंदर ने अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया।

दोनों खिलाड़ियों ने शतक जड़ने के बाद इंग्लैंड के खिलाड़ियों से हाथ मिलाया और मैच औपचारिक रूप से ड्रॉ हुआ।

Point of View

मैं मानता हूँ कि खेल में प्रतिस्पर्धा की भावना महत्वपूर्ण होती है। खिलाड़ियों को अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को पूरा करने का अधिकार है। गंभीर का दृष्टिकोण यह दर्शाता है कि खेल के दौरान निर्णय लेने की स्वायत्तता खिलाड़ियों को दी जानी चाहिए।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

गौतम गंभीर ने इंग्लैंड के कप्तान के ड्रॉ प्रस्ताव पर क्या कहा?
गौतम गंभीर ने कहा कि अगर एक बल्लेबाज 90 और दूसरा 85 पर खेल रहा है, तो वह शतक के हकदार हैं और उन्हें अपना खेल जारी रखना चाहिए।
क्या दोनों भारतीय बल्लेबाजों ने शतक बनाए?
हाँ, रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने क्रमशः अपने शतक पूरे किए।
इस विवाद का मुख्य कारण क्या था?
मुख्य कारण यह था कि इंग्लिश कप्तान ने ड्रॉ के लिए हाथ मिलाने का प्रस्ताव रखा, जबकि भारतीय बल्लेबाज अपने शतक के निकट थे।
मैच के बाद बेन स्टोक्स का क्या व्यवहार था?
मैच के बाद औपचारिक हैंडशेक के दौरान बेन स्टोक्स ने वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा को नजरअंदाज कर दिया।
क्या यह घटना क्रिकेट के खेल को प्रभावित कर सकती है?
ऐसी घटनाएँ खेल की प्रतिस्पर्धा और खिलाड़ियों के मनोबल को प्रभावित कर सकती हैं।