क्या नई दिल्ली में सोमवार से ओरिएंटल कप का तीसरा संस्करण शुरू होगा?

सारांश
Key Takeaways
- 36 टीमें इस टूर्नामेंट में भाग ले रही हैं।
- लड़कों की श्रेणी में 24 टीमें और लड़कियों की श्रेणी में 12 टीमें हैं।
- टूर्नामेंट का उद्देश्य युवा खिलाड़ियों को एक मंच प्रदान करना है।
- प्रतियोगिता में क्वालीफायर राउंड, लीग मैच और चैंपियनशिप मैच होंगे।
- दिल्ली सॉकर एसोसिएशन का योगदान महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के उभरते युवा फुटबॉल टूर्नामेंट, ओरिएंटल कप, का तीसरा संस्करण सोमवार से डॉ. अंबेडकर स्टेडियम में आरंभ होने जा रहा है। इस टूर्नामेंट में कुल 36 टीमें भाग लेंगी। लड़कों की श्रेणी में 24 और लड़कियों की श्रेणी में 12 टीमें शामिल हैं।
प्रारंभिक मैचों में, लड़कों की श्रेणी में गवर्नमेंट को-एड सीनियर सेकेंडरी स्कूल, द्वारका और मदर्स इंटरनेशनल स्कूल के बीच मुकाबला होगा। उसके बाद, दोनों स्कूलों की लड़कियों की टीमें आमने-सामने होंगी।
इसके बाद, लड़कों के मैच में संस्कृति इंटरनेशनल स्कूल और एमिटी इंटरनेशनल, साकेत की भिड़ंत होगी।
इसके बाद लड़कियों की श्रेणी में गत विजेता, संस्कृति इंटरनेशनल स्कूल, एमिटी इंटरनेशनल, साकेत की लड़कियों की टीम से भिड़ेगी।
फिर, पहले संस्करण के विजेता, द एयर फोर्स स्कूल, सुब्रतो पार्क की लड़कों की टीम, केंद्रीय विद्यालय स्कूल (जेएनयू) से मुकाबला करेगी, जबकि उनकी लड़कियों की टीम एमिटी इंटरनेशनल, नोएडा से खेलेगी। दिन के अंतिम मुकाबले में, लड़कों के ड्रॉ में एमिटी इंटरनेशनल, नोएडा, केंद्रीय विद्यालय, आरके पुरम से भिड़ेगा।
सभी मैच डॉ. अंबेडकर स्टेडियम में आयोजित किए जाएंगे। प्रतियोगिता में क्वालीफायर राउंड के बाद लीग मैच और फिर लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए चैंपियनशिप मैच होंगे।
दिल्ली सॉकर एसोसिएशन द्वारा जमीनी स्तर पर फुटबॉल में अपने बढ़ते योगदान के लिए मान्यता प्राप्त, ओरिएंटल कप लगातार एक सार्थक मंच के रूप में विकसित हो रहा है।
ओरिएंटल कप दिल्ली में एक उभरता हुआ स्कूली फुटबॉल टूर्नामेंट है। इसकी स्थापना 2023 में छात्र-एथलीट फरीद बख्शी और जहान साहनी ने की थी। तीसरे सीजन में, यह टूर्नामेंट सभी स्कूली एथलीटों के लिए एक समावेशी मंच प्रदान कर रहा है, जो प्रतिस्पर्धी खेल और खेल भावना को प्रोत्साहित करता है।
ओरिएंटल कप का उद्देश्य एक ऐसे समुदाय को बढ़ावा देना है, जहां युवा खिलाड़ी विकसित हो सकें, सीख सकें और फुटबॉल की भावना का जश्न मना सकें। यह प्रयास दिल्ली के स्कूली खेल परिदृश्य में एक दीर्घकालिक परंपरा की नींव रखने की दिशा में अग्रसर है।