क्या मनु अत्री ने अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में देश के लिए स्वर्णिम सफलता हासिल की?

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क्या मनु अत्री ने अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में देश के लिए स्वर्णिम सफलता हासिल की?

सारांश

मनु अत्री, जो भारतीय बैडमिंटन के चमकते सितारे हैं, ने अपनी यात्रा में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। उनके प्रेरणादायक करियर की कहानी जानें।

Key Takeaways

  • मनु अत्री का खेल में प्रारंभिक सफर
  • उनकी प्रमुख उपलब्धियां
  • कोचिंग में उनकी नई भूमिका

नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बैडमिंटन भारत में क्रिकेट के बाद सबसे तेजी से बढ़ता और लोकप्रिय खेल है। पिछले एक दशक में, देश में कई खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन में महत्वपूर्ण पहचान बनाई है। उनमें से एक प्रमुख नाम है मनु अत्री

मनु अत्री का जन्म 31 दिसंबर 1992 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ। वह एक पेशेवर बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और डबल्स और मिक्स्ड डबल्स फॉर्मेट में खेलते हैं। उनके खेल में आने का मुख्य कारण उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि है। उनके पिता एक एथलीट थे और चाहते थे कि मनु भी खेल में करियर बनाएं। मनु ने 10 साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू किया और 16 साल की उम्र में उन्होंने एक प्रोफेशनल खिलाड़ी के तौर पर खेलना शुरू किया। 2010 में, वह भारतीय टीम का हिस्सा बने और विश्व जूनियर चैंपियनशिप में भाग लिया।

2011 में, उन्होंने पहली बार सीनियर खिलाड़ी के रूप में जिश्नु सान्याल के साथ केन्या इंटरनेशनल का खिताब जीता। मनु अत्री की बी. सुमीथ रेड्डी के साथ जोड़ी भारतीय बैडमिंटन में एक मजबूत डबल्स जोड़ी के रूप में उभरी। इस जोड़ी ने 2015 में मेक्सिको सिटी ग्रैंड प्रिक्स और 2016 में कनाडा ओपन में स्वर्ण पदक जीते। 2015 यूएस ओपन और डच ओपन में भी इस जोड़ी ने रजत पदक जीता। मनु और सुमीथ की जोड़ी ने लगोस इंटरनेशनल का खिताब तीन बार (2015, 2017, 2018) जीता।

टाटा ओपन इंडिया इंटरनेशनल (2013, 2014), बेल्जियन इंटरनेशनल (2015), नेपाल इंटरनेशनल (2019), और इंडिया इंटरनेशनल (2019) जैसे टूर्नामेंट्स में भी उन्होंने प्रभावी प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीते। 2016 में साउथ एशियन गेम्स में उन्होंने पुरुष डबल्स और टीम इवेंट में स्वर्ण और मिश्रित डबल्स में रजत पदक प्राप्त किया। मनु अत्री ने के. मनीषा और एन. सिक्की रेड्डी के साथ मिश्रित डबल्स में भी खेला है।

2016 में रियो ओलंपिक में मनु अत्री ने सुमीथ रेड्डी के साथ पुरुष डबल्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उनकी जोड़ी की सर्वश्रेष्ठ वैश्विक रैंकिंग 17 रही।

अब मनु अत्री ने सक्रिय खेल से संन्यास ले लिया है और कोचिंग के क्षेत्र में कार्यरत हैं। बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप 2025 में वह ध्रुव कपिला और तनीषा क्रास्टो की मिश्रित डबल्स जोड़ी के कोच के रूप में नजर आए थे।

Point of View

मनु अत्री की यात्रा न केवल खेल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे एक खिलाड़ी अपने देश का नाम रोशन कर सकता है। उनकी उपलब्धियों से युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलती है।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

मनु अत्री ने कब बैडमिंटन खेलना शुरू किया?
मनु अत्री ने 10 साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू किया।
मनु अत्री की जोड़ी ने कौन से प्रमुख टूर्नामेंट जीते?
मनु अत्री और सुमीथ रेड्डी ने मेक्सिको सिटी ग्रैंड प्रिक्स और कनाडा ओपन जैसे प्रमुख टूर्नामेंट जीते।
मनु अत्री का सर्वोत्तम वैश्विक रैंकिंग क्या थी?
मनु अत्री और सुमीथ की जोड़ी की सर्वोत्तम वैश्विक रैंकिंग 17 रही।
मनु अत्री अब क्या कर रहे हैं?
मनु अत्री अब कोचिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं।
मनु अत्री ने रियो ओलंपिक में किसके साथ भाग लिया?
मनु अत्री ने रियो ओलंपिक में सुमीथ रेड्डी के साथ भाग लिया।
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