क्या विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में हारकर भी जीतने वालीं भारतीय महिला पहलवान हैं?

सारांश
Key Takeaways
- विनेश फोगाट ने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता।
- वह पहली भारतीय महिला पहलवान हैं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की।
- उन्होंने कई अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी गोल्ड जीते हैं।
- विनेश को अर्जुन पुरस्कार और खेल रत्न पुरस्कार मिल चुके हैं।
- विनेश का ओलंपिक सफर प्रेरणादायक है।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत में कुश्ती के खेल में पुरुषों का प्रभुत्व देखने को मिलता रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में इस परिदृश्य में तेजी से बदलाव आया है। वर्तमान में कुश्ती में महिलाएं भी अपनी छाप छोड़ रही हैं। इनमें से एक प्रमुख नाम विनेश फोगाट का है। विनेश भारत की पहली महिला पहलवान हैं, जिन्होंने एशियाई खेलों में देश के लिए स्वर्ण पदक जीता।
25 अगस्त 1994 को हरियाणा में जन्मी विनेश ने पहलवानी का अभ्यास बहुत छोटी उम्र से शुरू किया। उन्होंने अपने चाचा महावीर सिंह फोगाट से कुश्ती की ट्रेनिंग ली और उनके मार्गदर्शन में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई।
विनेश के पास पदकों की एक लंबी श्रृंखला है। 2018 में 20 अगस्त का दिन उनके लिए खास था जब उन्होंने जकार्ता में एशियन गेम्स में 50 किग्रा कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता। इससे पहले किसी भारतीय महिला ने एशियन गेम्स में गोल्ड नहीं जीता था।
इसके अलावा, विनेश ने 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किग्रा कैटेगरी में गोल्ड जीता था, इसके बाद 2018 में गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में 50 किग्रा और 2022 में बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में 53 किग्रा में फिर से गोल्ड जीता।
विनेश ने 2019 और 2022 में विश्व चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल भी जीते।
कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई गेम्स में गोल्ड जीतने वाली विनेश फोगाट पहली भारतीय महिला पहलवान हैं। वह पेरिस ओलंपिक के फाइनल में पहुंची थीं, लेकिन वजन बढ़ने के कारण उन्हें फाइनल खेलने से रोका गया और वह गोल्ड जीतने का अवसर खो बैठीं। उनके नाम सिल्वर मेडल भी नहीं हो सका।
पेरिस ओलंपिक में विनेश के साहसिक प्रदर्शन के बावजूद, वे मेडल से चूक गईं, लेकिन देशवासियों का प्यार उनके साथ था। उनका स्वागत एक गोल्ड मेडलिस्ट की तरह हुआ और उन्हें उसी तर्ज पर इनाम भी दिया गया। हालांकि, ओलंपिक मेडल न जीतने के कारण विनेश बहुत निराश हुईं और उन्होंने कुश्ती को अलविदा कह दिया।
उन्हें 2016 में अर्जुन पुरस्कार और 2020 में खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।