क्या 350वें शहीदी दिवस पर सीएम भगवंत मान और केजरीवाल ने पंजाब की तरक्की के लिए प्रार्थना की?
सारांश
Key Takeaways
- 350वें शहीदी दिवस पर प्रार्थना का आयोजन हुआ।
- मुख्यमंत्री भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल ने संगत में भाग लिया।
- सिख धर्म की धरोहर और समाजवाद के मूल्यों पर चर्चा हुई।
- यह आयोजन गुरु तेग बहादुर और सिख शहीदों को सम्मानित करता है।
- सरकार ने इस ऐतिहासिक अवसर को मनाने का प्रयास किया।
आनंदपुर साहिब, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को राज्य की तरक्की और पंजाबियों की खुशहाली के लिए प्रार्थना करने के लिए "संगत" में भाग लिया।
दोनों नेताओं ने यहां गुरुद्वारा बाबा बुड्ढा दल चौनी में गुरु तेग बहादुर और महान सिख शहीद भाई मति दास-जी, भाई सती दास-जी और भाई दयाला-जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर श्री अखंड पाठ साहिब के 'भोग' के बाद की गई 'अरदास' में हिस्सा लिया।
वे गुरु का शुक्रिया अदा करने के लिए बड़ी संगत में शामिल हुए और सभी की भलाई के लिए प्रार्थना की। दोनों नेताओं ने कहा कि गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहीदी वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रमों में सेवा करने का अवसर मिलना उनके लिए गर्व की बात है।
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री मान और केजरीवाल ने कहा कि सिख धर्म ने दुनिया में समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता का सच्चा मॉडल प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब हर इंसान के लिए दुनिया भर में भाईचारे, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद का एक प्रकाश स्तंभ है।
मान और केजरीवाल ने कहा कि आम तौर पर पंजाबियों और विशेषकर सिखों को महान सिख गुरुओं से त्याग और बहादुरी की शानदार विरासत मिली है, जिन्होंने उन्हें जुल्म और अन्याय के खिलाफ लड़ने का पाठ पढ़ाया।
मुख्यमंत्री मान और केजरीवाल ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा के लिए समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना राज्य सरकार का कर्तव्य है।
केजरीवाल ने कहा कि दुनिया भर में लाखों-करोड़ों लोगों की यह दिली इच्छा है कि गुरु तेग बहादुर का 350वां शहीदी दिवस गुरु के बलिदान की शान के अनुरूप बड़े पैमाने पर मनाया जाए।
दोनों नेताओं ने कहा कि दुनिया भर के लाखों-करोड़ों लोगों की उम्मीदों के मुताबिक, राज्य सरकार ने इन यादगार कार्यक्रमों को अपनी ज़िंदगी का खास मौका बनाने की छोटी सी कोशिश की है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब सरकार और पंजाब के लोग इस शानदार और पवित्र ऐतिहासिक मौके का हिस्सा बनकर खुद को बहुत भाग्यशाली मानते हैं।