क्या अमावस्या की रात इन कार्यों से बचना चाहिए, वरना नकारात्मक असर पड़ सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- इस रात तामसिक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है।
- अनजान लोगों से चीजें न लें।
- रात में कपड़े बाहर सुखाने से बचें।
- योग और ध्यान करें।
- पितरों के लिए तर्पण करें।
नई दिल्ली, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आज, 23 अगस्त को साल की आखिरी शनि अमावस्या है। अमावस्या तिथि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध की परंपरा निभाई जाती है। लेकिन इस रात से जुड़ी कई मान्यताएं और सावधानियां भी हैं, जिन्हें समझना और उनका पालन करना ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आवश्यक है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या की रात में तामसिक ऊर्जा अधिक सक्रिय होती है। इस रात की ऊर्जा नकारात्मक और अशांत हो सकती है, जिससे लोगों के मन और व्यवहार पर असर पड़ सकता है। इसलिये इस रात विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है।
अमावस्या की रात चंद्रमा का दिखाई न देना मनुष्य पर नकारात्मक असर डाल सकता है। मन में विचलन और अस्थिरता हो सकती है, जिससे बेचैनी, डर या उदासी का अनुभव हो सकता है। इसलिए, इस रात अपने मन को संयमित रखना और शांत रहना आवश्यक है।
इस समय योग, प्राणायाम और ध्यान करना अत्यंत लाभकारी होता है। इससे मन की स्थिरता बढ़ती है और नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि अमावस्या की रात किसी अनजान व्यक्ति से कोई भी चीज न लेनी चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है। इस दिन सावधानी बरतना और बिना सोचे-समझे किसी चीज को स्वीकार न करना अधिक उचित होता है।
इसके अलावा, रात में कपड़े बाहर सुखाने से भी बचना चाहिए, क्योंकि इससे अशुभ प्रभाव हो सकते हैं। कुछ स्थानों पर यह माना जाता है कि रात में कपड़े बाहर रखना शुभ नहीं होता।
अमावस्या की रात श्मशान घाट, सुनसान स्थान या पुराने वृक्ष के पास जाने से भी बचना चाहिए। ऐसे स्थानों पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है, जिससे मानसिक अस्वस्थता हो सकती है।
इस रात अपने इष्ट देव का नाम लेकर जाप करना और मंत्र का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे मन को शांति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यदि आपने गुरु मंत्र लिया है, तो इस दिन उसका नियमित जाप करना फायदेमंद होता है। साथ ही, पितरों के लिए तर्पण और दान पुण्य करना भी महत्वपूर्ण है। इससे आत्मिक शांति मिलती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।