क्या कफ सिरप गड़बड़ी के मामले में अशोक गहलोत ने सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाया?

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क्या कफ सिरप गड़बड़ी के मामले में अशोक गहलोत ने सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाया?

सारांश

कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के मामलों ने राजस्थान में हंगामा मचा दिया है। अशोक गहलोत ने सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की। जानिए इस घटना के पीछे क्या है, और गहलोत का क्या कहना है।

Key Takeaways

  • जहरीला कफ सिरप बच्चों की मौत का कारण बन रहा है।
  • अशोक गहलोत ने तत्काल जांच की मांग की।
  • स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।
  • गहलोत ने अपनी स्वास्थ्य योजनाओं की तारीफ की।
  • सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

जयपुर, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में जहरीले कफ सिरप के सेवन से कई बच्चों की मौत का मामला प्रकाश में आया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचाई है।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए सरकार से तत्काल जांच की मांग की है।

गहलोत ने रविवार को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में पूर्व मंत्री भरत सिंह कुंदनपुर से मुलाकात के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि यह मामला संवेदनशील है।

उन्होंने सरकार की उदासीनता पर सवाल उठाते हुए कहा, “यदि कफ सिरप में कोई गड़बड़ी हुई है तो सरकार को अपनी एजेंसियों से इसकी जांच करवानी चाहिए। यदि कोई ब्लैक लिस्टेड कंपनी थी तो उसे ठेका क्यों दिया गया? यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है।”

गहलोत ने चिकित्सा मंत्री द्वारा किसी कंपनी को क्लीन चिट देने पर भी आपत्ति जताई और कहा कि बिना जांच के कोई टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए।

उन्होंने अपनी सरकार के समय लागू स्वास्थ्य योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा, “हमारी सरकार ने 25 लाख रुपए तक का मुफ्त बीमा, मुफ्त दवा, सिटी स्कैन और ऑपरेशन जैसी सुविधाएं प्रदान कीं, जो न केवल भारत बल्कि विश्व में कहीं नहीं हैं। केंद्र सरकार को इन योजनाओं का अध्ययन कर पूरे देश में लागू करना चाहिए।”

गहलोत ने केंद्र की आयुष्मान भारत योजना की तुलना में अपनी योजना को बेहतर बताते हुए कहा कि आयुष्मान भारत केवल कुछ लोगों तक सीमित है, जबकि उनकी योजना पूरे प्रदेश को लाभान्वित करती थी।

उन्होंने कहा, “अगर हमें विश्व गुरु बनना है तो शिक्षा और स्वास्थ्य सभी के लिए मुफ्त होना चाहिए।”

गहलोत ने कहा कि यदि दवा कंपनी ने गड़बड़ी की है तो सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, न कि पूर्ववर्ती सरकार पर दोष मढ़ना चाहिए।

बिहार विधानसभा चुनाव में वरिष्ठ पर्यवेक्षक की भूमिका पर गहलोत ने कहा कि वे इसे चुनौती के रूप में ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी जो आदेश देती है, हमारा धर्म बनता है कि हम उसे निभाएं। हमने इसकी शुरुआत कर दी है और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी आपस में बातचीत कर रहे हैं।

उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा, “65 लाख वोटों को बाहरी बताकर काट दिया गया। आयोग को स्पष्ट करना चाहिए कि ये वोट कहां से आए। कांग्रेस, आरजेडी और अन्य विपक्षी दल इसे गंभीरता से ले रहे हैं क्योंकि जिस प्रकार से चुनाव जीतने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, वो गलत हैं।”

Point of View

बल्कि राजनीतिक नेतृत्व की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाती है। अशोक गहलोत का यह कहना कि जांच होनी चाहिए, देश के स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार की आवश्यकता की ओर इशारा करता है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हो, और इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।
NationPress
05/10/2025

Frequently Asked Questions

कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला कब सामने आया?
यह मामला 5 अक्टूबर को सामने आया जब कई बच्चों की मौत का मामला मध्य प्रदेश और राजस्थान में रिपोर्ट किया गया।
अशोक गहलोत का इस मामले पर क्या कहना है?
गहलोत ने सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए तत्काल जांच की मांग की है।
क्या सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई की है?
अभी तक कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन गहलोत ने सरकार से जांच की मांग की है।
गहलोत ने किन स्वास्थ्य योजनाओं की तारीफ की?
गहलोत ने 25 लाख रुपए तक का मुफ्त बीमा, मुफ्त दवा और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की तारीफ की।
आयुष्मान भारत योजना की तुलना में गहलोत की योजना कैसे है?
गहलोत ने कहा कि उनकी योजना पूरे प्रदेश को लाभान्वित करती थी, जबकि आयुष्मान भारत केवल कुछ लोगों तक सीमित है।