क्या अगस्त का महीना पाकिस्तान के लिए सबसे खतरनाक साबित हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- अगस्त में 143 आतंकवादी हमले हुए।
- 194 लोग
- खैबर पख्तूनख्वा में 51 हमले हुए।
- सुरक्षा बलों ने 100 आतंकवादियों को मारा।
- अगस्त एक दशक का सबसे घातक महीना रहा।
इस्लामाबाद, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अगस्त का महीना पाकिस्तान में आतंकवादी हिंसा के मामले में एक गंभीर चुनौती बनकर उभरा है। यहां जुलाई की तुलना में 74 प्रतिशत अधिक हमले हुए हैं। इस्लामाबाददशक में सबसे घातक साबित हुआ है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (पीआईसीएसएस) के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में कुल 143 आतंकवादी हमले हुए। यह आंकड़ा फरवरी 2014 के बाद से अब तक का सबसे अधिक है।
पीआईसीएसएस के अनुसार, इन हमलों में 194 लोग मारे गए, जिनमें 73 सुरक्षाबल के जवान, 62 नागरिक, 58 आतंकवादी और एक सरकार समर्थक शांति समिति सदस्य शामिल हैं। साथ ही, 231 अन्य लोग घायल हुए, जिनमें 129 सुरक्षाकर्मी, 92 नागरिक, आठ आतंकवादी और शांति समिति के दो सदस्य शामिल हैं।
पीआईसीएसएस ने कहा, "इस महीने आतंकवादियों ने कम से कम 10 लोगों का अपहरण किया। सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसके तहत देशभर में कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए और 31 गिरफ्तार किए गए। हालांकि, इन कार्रवाइयों में तीन नागरिकों और एक सुरक्षाकर्मी की भी मौत हो गई।"
रिपोर्ट में बताया गया है कि अगस्त में आतंकवादी हमलों और सुरक्षा अभियानों में करीब 298 लोगों की जान गई, जिनमें 158 आतंकवादी, 74 सुरक्षाकर्मी, 65 नागरिक और एक शांति समिति सदस्य शामिल हैं।
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में खासकर कबायली जिलों में हिंसा में खतरनाक वृद्धि देखी गई, जहां 51 आतंकवादी हमले हुए और 74 लोग मारे गए।
बलूचिस्तान में 28 हमलों में 52 लोग मारे गए। पीआईसीएसएस के अनुसार, "सुरक्षा बलों ने प्रांत में 50 आतंकवादियों को मार गिराया।"
सिंध प्रांत में छह हमले हुए, जिनमें आठ लोग मारे गए। पंजाब प्रांत में दो हमले हुए। इनमें से एक डेरा गाजी खान में था।
इसके अलावा, गिलगित-बाल्टिस्तान में टीटीपी से जुड़े आतंकवादियों ने चिलास जिले को निशाना बनाया, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों पर जानलेवा हमला किया गया।