क्या महाराष्ट्र के बांद्रा टर्मिनस पर बैग चेकिंग के नाम पर लाखों की वसूली हो रही थी?

सारांश
Key Takeaways
- बांद्रा टर्मिनस पर यात्रियों से वसूली का मामला गंभीर है।
- महिला अधिकारी इंगवले ने रैकेट का संचालन किया।
- मुंबई जीआरपी ने त्वरित कार्रवाई की है।
- पीड़ितों की पहचान की जा रही है।
- सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है।
मुंबई, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के बांद्रा टर्मिनस पर यात्रियों से बैग चेकिंग के नाम पर लाखों रुपए की वसूली की जा रही थी। इस मामले में मुंबई जीआरपी की क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई करते हुए एक महिला पुलिस अधिकारी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान विजया उर्फ मनीषा इंगवले, नीलेश दीपक कलसुलकर और प्रवीण वेदनाथ शुक्ला के रूप में हुई है। जीआरपी सूत्रों के अनुसार, यह पूरा वसूली रैकेट महिला अधिकारी इंगवले के इशारे पर ही चल रहा था।
जांच में पता चला है कि इंगवले के साथ गिरफ्तार हुए कलसुलकर और शुक्ला लंबे समय से उसके निजी सहयोगी थे। ये दोनों यात्रियों पर नजर रखते थे और जैसे ही किसी यात्री के पास भारी रकम होने की जानकारी मिलती, वे तुरंत इंगवले को इसकी 'टिप' दे देते थे।
इसके बाद इंगवले और उसके साथी पुलिसकर्मी बनकर यात्रियों को रोकते, बैग की चेकिंग करते और फिर डरा-धमकाकर उनसे पैसे वसूल लेते।
इस पूरे मामले में पीड़ित एक कपड़ा व्यवसायी है, जिससे इन लोगों ने मिलकर 10 लाख रुपए की वसूली की थी।
बताया जा रहा है कि महिला अधिकारी इंगवले का कुछ ही दिन पहले बोरीवली रेलवे पुलिस स्टेशन से बांद्रा रेलवे पुलिस स्टेशन में तबादला हुआ था, लेकिन उसकी वसूली की आदतें नहीं बदलीं।
बोरीवली में भी उसने अपने इन्हीं दो खास गुर्गों के साथ मिलकर एक यात्री से 50,000 रुपए की जबरन वसूली की थी। उस समय भी यही तरीका अपनाया गया।
हाल ही में बांद्रा टर्मिनस पर हुई घटना में पीड़ित कपड़ा व्यापारी ने इन आरोपियों की हरकतों से तंग आकर मुंबई जीआरपी में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने तेजी से कार्रवाई करते हुए तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
मुंबई जीआरपी के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल, तीनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और अन्य पीड़ितों की पहचान की जा रही है।