क्या बांग्लादेश में अशांति और अल्पसंख्यकों की हत्याओं के बीच छवि सुधारने में जुटे यूनुस?

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क्या बांग्लादेश में अशांति और अल्पसंख्यकों की हत्याओं के बीच छवि सुधारने में जुटे यूनुस?

सारांश

बांग्लादेश में हालात बुरे हो रहे हैं, और वहां की सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं। यूनुस की छवि को कैसे सुधारेंगे? जानिए इस मुद्दे पर ताजा जानकारी और घटनाक्रम।

Key Takeaways

  • बांग्लादेश में कानून व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न उठ रहे हैं।
  • अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों की हत्या से स्थिति और बिगड़ी है।
  • खुदा बख्श चौधरी का इस्तीफा सरकार की छवि में सुधार की कोशिश का संकेत है।

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में जो कठिन हालात उत्पन्न हुए हैं और वहां की जो हिंसक घटनाएं सामने आ रही हैं, उनके चलते यूनुस की अंतरिम सरकार की छवि प्रभावित हुई है। यूनुस के शासन में कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर प्रश्न उठ रहे हैं। इस बीच, अपनी बिगड़ी छवि को सुधारने के प्रयास में यूनुस के विशेष सहायक खुदा बख्श चौधरी ने इस्तीफा दे दिया, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।

हाल में एक और घटना में बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय का एक युवक भीड़ के हाथों मारा गया। बुधवार को हिंदू युवक अमृत मंडोल की हत्या की खबर आई है। पुलिस के अनुसार, राजबाड़ी जिले में अमृत मंडल, जिसे सम्राट के नाम से भी जाना जाता है, पैसे वसूलने के लिए गया था। उस पर कथित तौर पर तब हमला किया गया जब वह वसूली के पैसे मांगने पहुंचा था। पुलिस ने कहा कि इसके पीछे कोई स्पष्ट संकेत नहीं था कि उसे उसके धर्म के कारण निशाना बनाया गया था या नहीं। वहीं, भारत और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ उसके कथित संबंधों पर भी चर्चा चल रही है।

चौधरी का इस्तीफा तुरंत स्वीकार कर लिया गया। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार का इरादा कानून-व्यवस्था से जुड़े लोगों को दोषी ठहराना है। इस कदम ने यूनुस सरकार को एक हफ्ते के भीतर दो हिंदू युवकों की हत्या के कारण हो रही आलोचना से थोड़ी राहत जरूर दी है।

यह हत्या उस्मान हादी की मौत के बाद फैली अशांति के बीच हुई। हादी पिछले साल अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहा था। उसे बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

27 साल के हिंदू कपड़ा मजदूर दीपू को ईशनिंदा के आरोप में भालुका में भीड़ ने मार डाला। उसे बुरी तरह पीटा गया। प्रशासन ने हत्या की निंदा की है और कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, लेकिन इस घटना ने अल्पसंख्यकों की कमजोरी और राजनीतिक अशांति के समय में बिना रोक-टोक के अफवाहों से होने वाली हिंसा के खतरों को उजागर किया है।

वहीं, सम्राट पर हत्या समेत कई अपराध के मामले चल रहे थे। स्थानीय रिपोर्टों में कहा गया है कि वह एक गैंग का हिस्सा था और अगस्त 2024 के विद्रोह के बाद हसीना के सत्ता से हटने के बाद भारत में छिपा हुआ था।

हालांकि, यह स्पष्ट नहीं था कि उसने वापस लौटने और मौजूदा परिस्थिति में फिर से अपराध करने का निर्णय क्यों लिया। खुदा बख्श चौधरी पहले पुलिस इंस्पेक्टर जनरल (आईजीपी) थे। उन्हें पिछले साल 10 नवंबर को मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस का विशेष सहायक बनाया गया था।

द डेली स्टार ने बिना नाम बताए वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से कहा कि उन्हें पिछले साल के बड़े विद्रोह के बाद इस उम्मीद के साथ नियुक्त किया गया था कि वह कानून लागू करने वाली एजेंसियों, खासकर पुलिस में अनुशासन बहाल करने और मनोबल बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने दावा किया कि उम्मीद के अनुसार कार्य न कर पाने और क्राइसिस मैनेजमेंट में कमियों के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।

Point of View

एक राष्ट्रीय संपादक के रूप में मेरा दृष्टिकोण यह है कि बांग्लादेश को तुरंत कानून व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है। अल्पसंख्यकों के अधिकारों का संरक्षण करना और हिंसा को रोकना अत्यंत महत्वपूर्ण है। देश को स्थिरता की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में हालात क्यों बिगड़ रहे हैं?
बांग्लादेश में राजनीतिक अशांति और अल्पसंख्यकों की हत्याओं के कारण हालात बिगड़ रहे हैं।
खुदा बख्श चौधरी ने इस्तीफा क्यों दिया?
खुदा बख्श चौधरी ने इस्तीफा दिया क्योंकि सरकार की छवि को सुधारने के प्रयास में उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।
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