क्या बाराचट्टी में दो महिला उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर होगी?
सारांश
Key Takeaways
- बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है।
- राजद और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के बीच कांटे की टक्कर है।
- बाराचट्टी का राजनीतिक इतिहास बदलाव की कहानी बयां करता है।
- इस सीट से जीतन राम मांझी जैसे नेता भी जुड़े रहे हैं।
- इस बार चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प होने की उम्मीद है।
पटना, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बाराचट्टी बिहार के गया जिले का एक महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र है। यह गया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। बाराचट्टी विधानसभा में 13 ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें कुल 158 गांव शामिल हैं। इस सीट को 1957 में स्थापित किया गया था और यह वर्तमान में अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है।
भौगोलिक दृष्टि से, बाराचट्टी सीट झारखंड सीमा के निकट स्थित है और यह गया जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर तथा पटना से 150 किलोमीटर दूर है। यह क्षेत्र ग्रैंड ट्रंक रोड से जुड़ा होने के कारण अच्छी सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
गोखुल नदी के किनारे स्थित शिव मंदिर स्थानीय लोगों के लिए आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। शिवरात्रि पर यहाँ श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या होती है।
बाराचट्टी विधानसभा सीट के लिए इस बार चुनावी मुकाबला बेहद रोचक है। यहाँ मुख्य लड़ाई राजद और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के बीच है। राजद ने तनुश्री कुमारी को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने ज्योति देवी को टिकट दिया है। जन सुराज पार्टी के हेमंत कुमार भी चुनावी मैदान में हैं।
बाराचट्टी विधानसभा का राजनीतिक इतिहास कई बदलावों की कहानी सुनाता है। कांग्रेस ने यहाँ अब तक चार बार जीत हासिल की है, पहली बार 1967 में, लेकिन 1985 के बाद से वह कभी जीत नहीं पाई। यहाँ तक कि 1985 तक कांग्रेस के अलावा चार अन्य पार्टियों को भी अवसर मिला था और 1990 के चुनाव में भी परिवर्तन देखने को मिला। 1995 में जनता दल को मौका मिला।
राजद ने इस सीट से चार बार जीत दर्ज की है, जबकि जदयू को दो बार सफलता मिली है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी बाराचट्टी से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने पहली बार 1996 के उपचुनाव में जीत हासिल की।
2010 के चुनाव में जदयू की ज्योति देवी ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने 2020 के चुनाव में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के टिकट पर भी सफलता प्राप्त की। 2025 के चुनाव में जीतन राम मांझी की पार्टी ने उन्हें फिर से मौका दिया है।