क्या पंजाब के बटाला पुलिस स्टेशन पर आरपीजी हमले के मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- एनआईए ने 11 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है।
- बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने हमले की जिम्मेदारी ली।
- हमला युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए किया गया था।
- 11 अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं।
- जांच में आगे की कार्रवाई जारी है।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पंजाब के बटाला जिले के किला लाल सिंह पुलिस स्टेशन पर हुए रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) आतंकी हमले के मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है।
यह हमला अप्रैल 2025 में हुआ था, और इसकी जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) ने ली।
मोहाली स्थित एनआईए की विशेष अदालत में दायर इस आरोपपत्र में सभी गिरफ्तार आरोपियों पर बीएनएस 2023, यूए(पी) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, 11 अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं।
एनआईए की जांच में पता चला कि यह साजिश विदेश में बैठे बीकेआई के गुर्गों द्वारा रची गई थी, जिनमें हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया, मन्नू अगवान और गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी नवशेरियन शामिल हैं। इन्होंने सोशल मीडिया का उपयोग कर पंजाब के कमजोर युवाओं को कट्टरपंथी बनाया और उन्हें भर्ती किया।
इनका मुख्य उद्देश्य भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देना और देश में आतंक फैलाना था, जिसके लिए उन्होंने पुलिस स्टेशन पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड से हमला किया था।
मई में राज्य पुलिस से जांच अपने हाथ में लेने वाली एनआईए इस हमले में शामिल फरार आरोपियों और अन्य अज्ञात षड्यंत्रकारियों को पकड़ने के लिए जांच जारी रखे हुए है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है।
इसके अलावा, एनआईए ने चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में हुए ग्रेनेड हमले के मुख्य आरोपी अभिजोत सिंह उर्फ बब्बा उर्फ गोपी के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किया है। यह हमला भी बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों द्वारा किया गया था।
यह हमला एक सेवानिवृत्त पंजाब पुलिस अधिकारी को निशाना बनाकर किया गया था ताकि समाज में डर पैदा किया जा सके। एनआईए की जांच में यह भी पता चला कि इस साजिश को पाकिस्तान में बैठे बीकेआई आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और अमेरिका में रहने वाले गैंगेस्टर हैप्पी पासिया ने मिलकर रचा।