क्या भारत-डेनमार्क के बीच विदेश कार्यालय परामर्श की आठवीं बैठक ने व्यापार और निवेश पर चर्चा की?

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क्या भारत-डेनमार्क के बीच विदेश कार्यालय परामर्श की आठवीं बैठक ने व्यापार और निवेश पर चर्चा की?

सारांश

भारत-डेनमार्क के बीच विदेश कार्यालय परामर्श की आठवीं बैठक में व्यापार, निवेश, और सुरक्षा पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। क्या इस बैठक से द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती आएगी? जानें इस लेख में!

Key Takeaways

  • भारत-डेनमार्क के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम।
  • बैठक में हरित रणनीतिक साझेदारी पर संतोष व्यक्त किया गया।
  • आर्थिक सहयोग के लिए विभिन्न क्षेत्रों की पहचान की गई।
  • आतंकवाद के खिलाफ भारत का समर्थन दोहराया गया।
  • आगामी बैठक की तिथि तय करने पर सहमति बनी।

नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में सोमवार को भारत-डेनमार्क के बीच विदेश कार्यालय परामर्श की आठवीं बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) सिबी जॉर्ज ने किया, जबकि डेनिश पक्ष का नेतृत्व लोटे माचोन, राज्य सचिव, विदेश नीति ने किया। दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने और मजबूत बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।

इस परामर्श ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा करने का एक अवसर प्रदान किया। दोनों पक्षों ने भारत-डेनमार्क हरित रणनीतिक साझेदारी के तहत सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।

बैठक में राजनीतिक जुड़ाव, व्यापार और निवेश, नवीकरणीय ऊर्जा, स्थिरता, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था, जल, कृषि, पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण, अनुसंधान एवं विकास, और गतिशीलता जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई। सुरक्षा और रक्षा, नई तकनीकों, और आर्कटिक में सहयोग के अवसरों पर भी विचार-विमर्श किया गया। डेनमार्क ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन दोहराया।

इसके अलावा, दोनों पक्षों ने यूरोपीय संघ परिषद की डेनमार्क की वर्तमान अध्यक्षता के दौरान भारत-यूरोपीय संघ सामरिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। डेनमार्क ने भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को शीघ्र संपन्न करने के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की। बहुपक्षीय सहयोग, जैसे संयुक्त राष्ट्र और आर्कटिक पर भी चर्चा हुई। डेनमार्क 2025-2026 के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है।

बैठक में आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया। दोनों पक्षों ने बहुपक्षीय जुड़ाव और वैश्विक चुनौतियों पर निरंतर संवाद के महत्व को रेखांकित किया।

दोनों पक्ष नियमित परामर्श जारी रखने और कोपेनहेगन में अगली बैठक की तिथि तय करने पर सहमत हुए।

Point of View

विशेषकर व्यापार और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में, न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि भू-राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत-डेनमार्क के बीच परामर्श बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाना और व्यापार, निवेश, और सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना था।
बैठक में किसने भाग लिया?
बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व सचिव (पश्चिम) सिबी जॉर्ज ने किया, जबकि डेनमार्क का नेतृत्व राज्य सचिव लोटे माचोन ने किया।
भारत-डेनमार्क संबंधों में क्या नई पहल की गई?
बैठक में हरित रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर बात की गई।
क्या बैठक में आर्थिक मुद्दों पर चर्चा हुई?
हाँ, व्यापार और निवेश, नवीकरणीय ऊर्जा, और स्वच्छ प्रौद्योगिकी जैसे आर्थिक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
क्या डेनमार्क ने भारत का समर्थन किया?
हाँ, डेनमार्क ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन दोहराया।
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