क्या भारत-रूस ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के मुद्दे पर विशेष वार्ता की?

Click to start listening
क्या भारत-रूस ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के मुद्दे पर विशेष वार्ता की?

सारांश

भारत और रूस के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है, जिसमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान के मुद्दों पर चर्चा की गई। उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पवन कपूर ने इस वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व किया। जानिए इस वार्ता के प्रमुख बिंदु क्या थे और दोनों देशों के रिश्तों पर इसका क्या असर पड़ेगा।

Key Takeaways

  • भारत और रूस के बीच विशेष वार्ता का आयोजन हुआ।
  • पाकिस्तान और अफगानिस्तान के मुद्दों पर चर्चा की गई।
  • उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पवन कपूर का नेतृत्व महत्वपूर्ण था।
  • दोनों देशों के बीच की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर जोर।
  • बदले वैश्विक परिदृश्य में संवाद की निरंतरता।

मास्को, १ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत-रूस के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक मास्को में संपन्न हुई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पवन कपूर ने किया, जबकि रूसी पक्ष का नेतृत्व सुरक्षा परिषद के उप सचिव अलेक्जेंडर वेनेडिक्टोव ने किया।

मास्को स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को एक्स पर पोस्ट किया, "उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पवन कपूर ने मास्को में रूसी सुरक्षा परिषद के उप सचिव अलेक्जेंडर वेनेडिक्टोव के साथ पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर छठे भारत-रूस विशेष तंत्र (इंडिया-रशिया स्पेशल मैकेनिज्म ऑन पाकिस्तान एंड अफगानिस्तान) की बैठक की। यहाँ, भारत-रूस की विशिष्ट एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के ढांचे में वर्तमान संघर्षों और क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा हुई।"

अगस्त में, अपनी रूस यात्रा के दौरान, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मास्को में रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच गहरी होती रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया।

बैठक के दौरान, डोभाल और मंटुरोव ने सैन्य-तकनीकी सहयोग से लेकर नागरिक उड्डयन, धातु विज्ञान और रासायनिक उद्योग जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं तक, कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की थी।

एनएसए डोभाल ने रूस के सुरक्षा परिषद सचिव सर्गेई शोइगु से मुलाकात कर दोनों पक्षों ने रणनीतिक संबंधों को गहरा करने और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर मंथन किया।

दोनों पक्षों ने वार्षिक शिखर सम्मेलन २०२५ से पहले सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया और बहुपक्षीय मंचों पर रूस-भारत सहयोग के साथ-साथ प्रमुख वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

डोभाल का क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी स्वागत किया, जो नई दिल्ली और मास्को के बीच विकसित हो रही रणनीतिक साझेदारी में एक महत्वपूर्ण क्षण था।

क्रेमलिन ने वार्ता को "रचनात्मक" बताया और बदलते वैश्विक परिदृश्यों के बावजूद दोनों देशों के बीच संवाद की निरंतरता को रेखांकित किया।

Point of View

बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी।
NationPress
01/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत-रूस की बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान और अफगानिस्तान के मुद्दों पर चर्चा करना था, साथ ही दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करना।
इस बैठक में किसने भाग लिया?
इस बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पवन कपूर ने किया, जबकि रूसी पक्ष का नेतृत्व उप सचिव अलेक्जेंडर वेनेडिक्टोव ने किया।
क्या इस बैठक का कोई ऐतिहासिक महत्व है?
हाँ, यह बैठक भारत-रूस के बीच की रणनीतिक साझेदारी को और भी मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण क्षण है।