क्या भारतीय सेना ने राजस्थान के थार रेगिस्तान में युद्ध तैयारी का अभ्यास किया?
सारांश
Key Takeaways
- सप्त शक्ति कमान का युद्ध अभ्यास
- राजस्थान के थार रेगिस्तान में संचालन
- सैनिकों की उच्च प्रदर्शन क्षमता
- संयुक्त हथियारों का समन्वय
- चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में तैयारी
जयपुर, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सेना की सप्त शक्ति कमान के रणबांकुरा डिवीजन ने शनिवार को राजस्थान के थार रेगिस्तान में महाजन फील्ड फायरिंग रेंज पर युद्ध तैयारी और परिचालन दक्षता का आकलन करने के लिए एक विस्तृत सत्यापन अभ्यास किया। यह जानकारी सेना के अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई।
सप्त शक्ति कमान के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने इस अभ्यास की कार्यवाही की समीक्षा की। इसका मुख्य उद्देश्य सामरिक प्रक्रियाओं को सुधारना, अंतर-शस्त्र समन्वय को बढ़ावा देना और चुनौतीपूर्ण वातावरण में सभी इकाइयों और टुकड़ियों के एकीकरण का परीक्षण करना था।
इस अभ्यास में सैनिकों के धीरज, अनुशासन और उच्च-तीव्रता वाले युद्धक्षेत्र में प्रदर्शन की क्षमता का परीक्षण किया गया।
इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि पैदल सेना, यंत्रीकृत बल, वायु रक्षा, तोपखाने की अग्नि सहायता, इंजीनियरों और रसद सहित संयुक्त हथियारों का संचालन सटीकता और चपलता के साथ किया जाए।
युद्ध की तैयारी को बढ़ाने के लिए कमान और नियंत्रण प्रक्रियाओं, खुफिया जानकारी, समन्वय और अश्नी प्लाटून (ड्रोन) के प्रभावी समावेशन का अभ्यास भी किया गया।
भाग लेने वाले सैनिकों ने परिचालन योजनाओं, रसद लचीलापन और संचार नेटवर्क का सफलतापूर्वक सत्यापन किया, जिससे डिवीजन की उच्च स्तर की तैयारी और उभरते खतरों का जवाब देने की क्षमता का प्रदर्शन हुआ।
एक गतिशील और प्रतिस्पर्धी युद्ध परिदृश्य का अनुकरण करके, इस अभ्यास ने निर्णय लेने, अनुकूलनशीलता और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमताओं में कमान के प्रत्येक स्तर का परीक्षण किया। इस फॉर्मेशन ने जटिल परिचालन चुनौतियों का सामना करने के लिए त्वरित, समन्वित और संगठित युद्धाभ्यास करने में उत्कृष्टता और टीम वर्क का प्रदर्शन किया।
सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने भाग लेने वाले सैनिकों की व्यावसायिकता, नवाचार और मिशन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सराहना की। उनके प्रदर्शन ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी भारतीय सेना की प्रतिबद्धता, साहस और क्षमता को दर्शाया।
सेना कमांडर ने भैरव बटालियन के साथ बातचीत की और उनके उच्च स्तर के प्रशिक्षण की सराहना की।
राजस्थान के रक्षा जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल निखिल धवन ने कहा कि अश्नी प्लाटूनों के सफल संचालन और रणनीति की पुष्टि, देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए इन टुकड़ियों के साहस और दृढ़ संकल्प का उदाहरण है।