क्या वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए कोई अपील नहीं आई? : बिहार के सीईओ

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में 90,712 पोलिंग बूथ होंगे।
- मतदाताओं की कुल संख्या 7.43 करोड़ है।
- बिहार में महिलाओं के लिए 1,044 पोलिंग बूथ हैं।
- फर्स्ट टाइम वोटर की संख्या लगभग 14 लाख है।
- मतदाता सूची का शुद्धिकरण विशेष गहन पुनरीक्षण के जरिए किया गया है।
पटना, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारी जोर पकड़ चुकी है। सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीतियों को तेज कर दिया है। इस बीच, बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जानकारी दी है कि अभी तक वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए कोई अपील प्राप्त नहीं हुई है।
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर बताया कि आवश्यक जानकारी के अनुसार, बिहार राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत, 2025 के दौरान सभी 243 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी द्वारा निर्वाचक सूची में नाम जोड़ने और विलोपन के संबंध में बुधवार, 8 अक्टूबर तक लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 24(क) के तहत जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष कोई अपील प्राप्त नहीं हुई है।
गौरतलब है कि भारतीय निर्वाचन आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि इस बार बिहार में 90,712 पोलिंग बूथ होंगे। इनमें 13,911 शहरी और 76,801 ग्रामीण क्षेत्र में होंगे। 1,044 पोलिंग बूथों की जिम्मेदारी महिलाओं के पास होगी।
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 7.43 करोड़ है। इनमें लगभग 3.92 करोड़ पुरुष और करीब 3.50 करोड़ महिला मतदाता हैं। उन्होंने बताया कि 1,725 थर्ड जेंडर मतदाता भी हैं। करीब 7.2 लाख दिव्यांग मतदाता और 4.04 लाख 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक भी वोटर सूची में शामिल हैं। 100 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 14 हजार है। फर्स्ट टाइम वोटर लगभग 14 लाख हैं।
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस बार बिहार के चुनाव मतदाताओं के लिए सरल होंगे। चुनावी मशीनरी पूरी तत्परता से मतदाताओं के साथ खड़ी रहेगी। कानून व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और चुनाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से कराए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि 24 जून को शुरू हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के जरिए बिहार में मतदाता सूची का शुद्धिकरण किया गया। एक अगस्त को ड्राफ्ट सूची जारी की गई और सभी राजनीतिक दलों को सौंपी गई। एक अगस्त से एक सितंबर तक आपत्ति और दावे के लिए समय दिया गया। पात्रता के परीक्षण के बाद 30 सितंबर को फाइनल मतदाता सूची जारी की गई। यह सूची भी सभी राजनीतिक दलों को दी जा चुकी है।
अगर मतदाता सूची में कोई गलती है तो अपील जिला अधिकारी के पास की जा सकती है। यदि किसी का नाम छूटा है तो वह नॉमिनेशन के 10 दिन पहले तक नाम जोड़वा सकता है।