क्या बिहार में जमीन विवाद रोकने के लिए गलत कागजात पर सख्ती जरूरी है?: विजय सिन्हा
सारांश
Key Takeaways
- राज्य में भूमि विवादों की बढ़ती समस्या
- गलत कागजात बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई
- नए कानून की संभावना
- ई-मापी की सख्त मॉनिटरिंग
- कैथी लिपि विशेषज्ञों का पैनल
पटना, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को अपने कार्यालय में विभागीय कार्यों की गहन समीक्षा की। इस बैठक में विभाग के प्रधान सचिव सीके अनिल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
उपमुख्यमंत्री ने राज्य में बढ़ते भूमि विवाद और गलत कागजात बनाने वाले माफिया पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऐसे तत्व आम जनता को न्यायालय तक परेशान करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की शिकायतें मिलने पर उच्चस्तरीय टीम बनाकर जांच कराई जाएगी और भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि यदि आवश्यक हुआ तो केंद्र सरकार के सहयोग से ऐसे मामलों को रोकने के लिए नया कानून भी बनाया जाएगा। ई-मापी से संबंधित बढ़ती शिकायतों का जिक्र करते हुए उन्होंने सख्त मॉनिटरिंग का निर्देश दिया ताकि रैयतों को जमीन मापने में कठिनाई न हो और अमीनों की मनमानी रोकी जा सके। सभी अंचलों के अमीनों के कार्यों का आकलन कर रिपोर्ट देने को भी कहा गया।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अब ई-मापी रिपोर्ट के लिए विभाग द्वारा निर्धारित प्रोफार्मा अनिवार्य किया जा रहा है। पुराने कागजात कैथी लिपि में होने से नागरिकों को हो रही दिक्कतों को दूर करने के लिए उपमुख्यमंत्री ने जिलावार कैथी लिपि विशेषज्ञों का पैनल बनाने और उनकी सूची अंचल कार्यालयों में लगाने का निर्देश दिया।
बैठक में उन्होंने बिहारभूमि पोर्टल के उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने का भी निर्देश दिया। इस दौरान विभाग के सचिव जय सिंह, सचिव गोपाल मीणा, विशेष सचिव अरुण कुमार सिंह, चकबंदी निदेशालय के निदेशक राकेश कुमार, और भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की निदेशक जे प्रियदर्शिनी भी उपस्थित रहे।