क्या बिहार पुलिस का 'हथियार जाल' अवैध हथियारों को पकड़ने में सफल होगा?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार पुलिस ने अवैध हथियारों के खिलाफ अभियान शुरू किया है।
- गोलियों की सप्लाई पर रोक लगाने की योजना।
- डीजीपी ने लाइसेंसधारकों की जांच का आदेश दिया।
- खगड़िया में 2,000 से अधिक अवैध हथियार बरामद हुए।
- अपराध को नियंत्रित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
पटना, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार पुलिस ने अवैध हथियारों को जब्त करने और उनके अवैध व्यापार को समाप्त करने के लिए एक नया अभियान प्रारंभ किया है। इस अभियान में गोलियों की जब्ती पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। पुलिस का मानना है कि बिना गोलियों के हथियार का कोई महत्व नहीं है। इसी उद्देश्य से बिहार पुलिस ने 'हथियार जाल' की शुरुआत की है।
बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने बताया कि पुलिस ने अवैध हथियार और कारतूस के सप्लाई नेटवर्क को समाप्त करने के लिए एक ठोस योजना बनाई है। विशेष रूप से लाइसेंसधारकों और लाइसेंसी दुकानों से गलत तरीके से की गई गोलियों की सप्लाई पर ध्यान दिया जा रहा है। यानी, यदि आपने भी गलत तरीके से गोलियों की खरीदारी की है, तो इस पर भी पुलिस की नजर रहेगी।
डीजीपी विनय कुमार ने निर्देश दिए हैं कि बिहार में लगभग 150 से अधिक लाइसेंसी हथियारों के दुकानदार हैं। उनके पिछले एक साल का पूरा रिकॉर्ड खंगालकर रिपोर्ट पेश की जाएगी। डीजीपी का आदेश है कि इन दुकानों से किसने कितनी गोलियां कब खरीदीं, इन गोलियों का उपयोग कहां हुआ और कितने खोखे जमा किए गए, इसकी जांच की जाएगी। रिपोर्ट के बाद दोषी दुकानों और व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी ने बताया कि बिहार पुलिस अवैध हथियारों और कारतूसों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई कर रही है। हमारी कोशिश कारतूसों की सप्लाई को रोकने की है। कारतूसों की सप्लाई पर रोक लगाकर अपराध को नियंत्रित किया जा सकता है। अपराधी हथियार कहीं से भी बनवा लेते हैं, परंतु गोलियां कहीं भी तैयार नहीं की जा सकती हैं। इसलिए हम गोलियों की आपूर्ति पर रोक लगाने की कोशिश कर रहे हैं। मृत लाइसेंस धारकों के नाम पर गोली उठाने वाले और ब्लैक मार्केट में सप्लाई की जा रही इस नेटवर्क को समाप्त किया जाएगा।
खगड़िया में एक मामला सामने आया है। एसटीएफ और जिला पुलिस ने इस साल जून तक 2,000 से अधिक अवैध हथियार, 13,000 से ज्यादा गोलियां और 30 से अधिक अवैध मिनी गन फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया है। पिछले साल ये आंकड़े 4,981 अवैध हथियार, 23,451 कारतूस और 64 मिनी गन फैक्ट्रियों के थे। मुंगेर, नालंदा, पटना और बेगूसराय जिलों में सबसे अधिक बरामदगी हुई है।