क्या चमोली में बादल फटने से आईटीबीपी ने राहत कार्य संभाला?

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क्या चमोली में बादल फटने से आईटीबीपी ने राहत कार्य संभाला?

सारांश

चमोली में बादल फटने से व्यापक तबाही हुई है। कई लोग लापता हैं और राहत कार्य जारी है। आईटीबीपी ने तेजी से मदद का मोर्चा संभाला है। जानें पूरी जानकारी इस गंभीर स्थिति के बारे में।

Key Takeaways

  • चमोली में बादल फटने से भारी तबाही हुई है।
  • आईटीबीपी राहत कार्य में सक्रिय भूमिका निभा रही है।
  • दो लोग लापता हैं और राहत अभियान जारी है।
  • स्थानीय प्रशासन भी राहत कार्य में जुटा हुआ है।
  • मुख्यमंत्री ने स्थिति की निगरानी करने का आश्वासन दिया।

चमोली, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली तहसील क्षेत्र में अचानक बादल फटने से भारी तबाही मच गई है। इस आपदा के परिणामस्वरूप कई मकान, दुकानें, तहसील परिसर और उपजिलाधिकारी (एसडीएम) का सरकारी आवास पानी और मलबे से भर गए हैं। तेज बहाव और मलबे की चपेट में आने से इस क्षेत्र का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, सगवाड़ा गांव में कम से कम दो लोग लापता हैं, जबकि एक अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। कई सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिससे थराली और आसपास के गांवों से संपर्क टूट गया है और राहत कार्य में बाधा आ रही है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत अभियान शुरू किया। गोचर स्थित आठवीं बटालियन से एक प्लाटून बल सुबह 08:30 बजे रवाना हुआ और लगभग 10:30 बजे थराली पहुंच गया। मौके पर पहुंचते ही जवानों ने राहत और बचाव कार्य प्रारंभ कर दिया। आईटीबीपी की टीम ने प्रभावित गांवों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और आवश्यक मदद पहुंचाने का कार्य शुरू किया। इसके साथ ही चेपड़ा गांव में एक लापता व्यक्ति की तलाश के लिए विशेष सर्च ऑपरेशन भी जारी है।

इस अभियान में आईटीबीपी स्थानीय प्रशासन, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और पुलिस के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य कर रही है। जवान मलबा हटाने, प्रभावित परिवारों को सुरक्षित निकालने और आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने में सक्रिय हैं।

आईटीबीपी देश की सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ हर प्राकृतिक आपदा में भी देशवासियों के साथ खड़ी है। बल ने अपने ध्येय वाक्य “शौर्य – दृढ़ता – कर्मनिष्ठा” को दोहराते हुए भरोसा दिलाया है कि प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

चमोली के एडीएम विवेक प्रकाश ने बताया कि थराली में बादल फटने के कारण काफी नुकसान हुआ है। मलबे की चपेट में आने से कविता नाम की महिला के दबने का पता चला है, जबकि एक व्यक्ति के लापता होने की जानकारी मिली है। घटना की जानकारी मिलते ही हमारी टीमें प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "जनपद चमोली के थराली क्षेत्र में देर रात बादल फटने की दुखद सूचना प्राप्त हुई। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। इस संबंध में निरंतर स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हूं और स्वयं स्थिति की गहन निगरानी कर रहा हूं। ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।"

Point of View

वह प्रशंसा के योग्य है। यह समय है कि हम सभी मिलकर ऐसे संकटों का सामना करें और एक-दूसरे की मदद करें।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

चमोली में बादल फटने का कारण क्या है?
बादल फटना आमतौर पर मौसम के अचानक बदलाव के कारण होता है, जिसमें भारी बारिश और ठंडी हवा का टकराव होता है।
आईटीबीपी किस प्रकार की सहायता प्रदान कर रही है?
आईटीबीपी राहत एवं बचाव कार्य में मदद कर रही है, जिसमें प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना और आवश्यक सहायता प्रदान करना शामिल है।
क्या लापता लोगों की खोज जारी है?
हाँ, चेपड़ा गांव में लापता व्यक्ति की खोज के लिए विशेष सर्च ऑपरेशन जारी है।
स्थानीय प्रशासन क्या कर रहा है?
स्थानीय प्रशासन राहत कार्य में सक्रिय है और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस पर क्या कहा?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताया और राहत कार्य की निगरानी करने का आश्वासन दिया।