क्या छत्तीसगढ़ के सीएम ने 2 अक्टूबर को खादी उत्पाद खरीदने की पीएम मोदी की अपील को दोहराया?

सारांश
Key Takeaways
- खादी का महत्व: खादी भारत की सांस्कृतिक पहचान है।
- स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा: खादी खरीदने से स्थानीय उद्योग को मदद मिलेगी।
- मन की बात कार्यक्रम: यह कार्यक्रम लोगों को प्रेरित करता है।
- गांधी जयंती: 2 अक्टूबर को गांधी जी की याद में खादी खरीदें।
- सामाजिक जागरूकता: लोगों को स्वदेशी के प्रति जागरूक करना आवश्यक है।
रायपुर, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हर भारतीय इस कार्यक्रम का बेसब्री से इंतजार करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की है और 2 अक्टूबर को खादी का एक उत्पाद अवश्य खरीदने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मन की बात कार्यक्रम आज का 126वां एपिसोड था। हर भारतीय महीने के अंतिम रविवार को इस कार्यक्रम की प्रतीक्षा करता है। हर महीने के अंतिम रविवार को, प्रधानमंत्री मोदी देश की करोड़ों जनता से संवाद करते हैं।"
उन्होंने बताया कि आज उन्होंने तेलीबांधा मंडल अंतर्गत सिंधी पंचायत में भाजपा विधायक, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ मन की बात का कार्यक्रम सुना। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश और दुनिया में किए गए उत्कृष्ट कार्यों को जनता के सामने लाने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम से लोगों को प्रेरणा मिलती है, और इसका लाभ देश को हो रहा है। 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी ने खादी खरीदने के लिए भी कहा है।
तमिलनाडु में रैली में हुए भगदड़ के बारे में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि हम मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।
रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 126वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2 अक्टूबर को कोई खादी उत्पाद जरूर खरीदें और गर्व से कहें- ये स्वदेशी हैं। इसे सोशल मीडिया पर 'वोकल फॉर लोकल' के साथ साझा करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "2 अक्टूबर को गांधी जयंती है। गांधी जी ने हमेशा स्वदेशी को अपनाने पर बल दिया और खादी इसमें सबसे प्रमुख थी। दुर्भाग्यवश, आजादी के बाद खादी की चमक कुछ कम हो गई थी, लेकिन पिछले 11 वर्षों में खादी के प्रति लोगों का आकर्षण बहुत बढ़ा है। हाल के वर्षों में खादी की बिक्री में तेजी आई है।"