क्या चीन ने रूस और यूक्रेन से शांति वार्ता में गति बनाए रखने का आग्रह किया?

सारांश
Key Takeaways
- चीन ने शांति वार्ता में सक्रियता का समर्थन किया है।
- रूस और यूक्रेन के बीच समर्पण और समझौता की आवश्यकता है।
- युद्ध विराम की दिशा में कदम उठाने की ज़रूरत है।
बीजिंग, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। यूएन में चीन के उप स्थायी प्रतिनिधि कंग श्वांग ने सुरक्षा परिषद में यूक्रेन मुद्दे पर चर्चा करते हुए रूस और यूक्रेन से शांति वार्ता को आगे बढ़ाने का आग्रह किया।
कंग श्वांग ने कहा कि हाल ही में रूस और यूक्रेन ने तुर्की के इस्तांबुल में दूसरी बार वार्ता की, जिसमें शहीद सैनिकों के अवशेषों और घायल सैनिकों के आदान-प्रदान तथा बिछड़े बच्चों को उनके परिवारों के पास लौटाने पर सहमति बनी। चीन इन सकारात्मक घटनाक्रमों का स्वागत करता है और दोनों पक्षों को वार्ता का नया दौर आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
चीन रूस और यूक्रेन के बीच बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइल हमलों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करता है, जिससे भारी नागरिक हताहत और बुनियादी ढांचे को क्षति पहुंची है।
उन्होंने बताया कि यूक्रेन संकट के विरोधाभास जटिल हैं और इसमें कई हितधारक शामिल हैं। युद्ध विराम हासिल करना और शांति बहाल करना आसान कार्य नहीं है और इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है।
कंग श्वांग ने यह भी कहा कि किसी भी संघर्ष का अंतिम समाधान वार्ता की मेज ही होती है। चीन संबंधित पक्षों के बीच संपर्क बनाए रखने और वार्ता जारी रखने का समर्थन करता है, ताकि सभी पक्षों के बीच संवाद और परामर्श के माध्यम से एक निष्पक्ष, स्थायी और बाध्यकारी शांति समझौता हो सके।
उन्होंने आगे बताया कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को युद्ध विराम, शांति और वार्ता के लिए अधिक तर्कसंगत आवाज उठानी चाहिए। विश्वास बढ़ाने के लिए और अधिक कूटनीतिक प्रयास करने चाहिए, ताकि संकट का शीघ्र राजनीतिक समाधान संभव हो सके। इस संदर्भ में, चीन ने अमेरिका से कूटनीतिक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने और निराधार आरोप लगाना बंद करने की अपील की।
कंग श्वांग के अनुसार, चीन हमेशा शांति, संवाद और मानवता के पक्ष में खड़ा है और युद्ध विराम तथा राजनीतिक समाधान का समर्थन करता है। चीन संकट के शीघ्र राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)