उत्तराखंड: परीक्षा गड़बड़ी पर सीएम धामी का कड़ा रुख, क्या साजिश रचने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई?

सारांश
Key Takeaways
- परीक्षा में गड़बड़ी पर सख्त रुख।
- साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई।
- परीक्षा रद्द होने के कारण।
- सरकारी योजनाओं की सुरक्षा।
- युवाओं की शंकाओं का समाधान।
देहरादून, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को परीक्षा में गड़बड़ी के मामलों पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि कुछ व्यक्ति जो राज्य को अराजकता की ओर धकेलने की साजिश कर रहे हैं, वे विकास कार्यों में बाधा डाल रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही जनकल्याणकारी योजनाओं को रोकने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। इसके अलावा, डेमोग्राफिक चेंज को रोकने के लिए राशन कार्ड, आधार कार्ड, बिजली कनेक्शन और बसावट में संलिप्त अपात्र लोगों पर कड़ी निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिला अधिकारियों को इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी कर दिए गए हैं।
परीक्षा गड़बड़ी के मुद्दे पर धामी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "ऐसे लोग जो साजिश के तहत राज्य को अराजकता की ओर धकेलना चाहते हैं, वे विकास कार्यों में विघ्न डाल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चल रही योजनाएं और राज्य की विकास परियोजनाओं को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। वे फेक नेगेटिविटी फैला रहे हैं और लोगों में भ्रम पैदा कर रहे हैं।"
यह बयान हाल के स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले के बाद आया है, जिसमें धामी सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी। हाल ही में जारी जांच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया गया, जिसमें करीब 1.05 लाख अभ्यर्थी शामिल थे। छात्रों और राजनीतिक दलों की मांग पर भाजपा विधायकों ने भी सीएम से मुलाकात की थी।
धामी ने कहा कि 2021 से 2025 तक प्रदेश में 25 हजार से अधिक नियुक्तियां बिना नकल के पारदर्शिता के साथ की गई हैं। सरकार परीक्षाओं को पूरी तरह नकलविहीन बनाने के लिए कटिबद्ध है। पेपर लीक माफिया के खिलाफ एसआईटी जांच चल रही है, जो हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में है। युवाओं की सीबीआई जांच की मांग पर सरकार ने संस्तुति करने का ऐलान किया।
सीएम ने कहा कि युवा त्योहारों के बीच आंदोलन कर रहे हैं, उनकी शंकाओं को दूर करना सरकार का दायित्व है। उन्होंने छात्रों से भावुक अपील की कि वे परीक्षा प्रक्रिया पर भरोसा