क्या उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 'जनता दर्शन' में समस्याएं सुनीं?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसमस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
- जनता दर्शन कार्यक्रम लोगों को सीधे अधिकारियों से जोड़ता है।
- यह कार्यक्रम भ्रष्टाचार को कम करने में मदद करता है।
- जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान प्राथमिकता है।
- यह पहल पारदर्शी और जवाबदेह शासन को बढ़ावा देती है।
लखनऊ, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर परिसर में आयोजित 'जनता दर्शन' कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न जनपदों से आए लोगों की समस्याएं सुनीं और उन्हें मदद का आश्वासन दिया। यह जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर साझा की।
सीएमओ के सोशल मीडिया पर कहा गया, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का व्यक्तित्व जन सेवा की साधना का जीवंत प्रतीक है। त्याग, अनुशासन और राष्ट्र समर्पण उनकी कार्यशैली की विशेषताएं हैं, जिन्होंने प्रदेश को सुरक्षा, सुशासन और विकास के नए मानकों पर स्थापित किया है।”
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
जनता दर्शन कार्यक्रम एक सरकारी प्रयास है, जिसका उद्देश्य आम जनता की समस्याओं को सीधे सुनना और उनका त्वरित समाधान करना है।
इस पहल के अंतर्गत लोग अपनी शिकायतें, सुझाव या मांगें सीधे सरकारी अधिकारियों या जनप्रतिनिधियों के सामने रख सकते हैं। यह आमतौर पर जिला, तहसील या ग्राम स्तर पर आयोजित किया जाता है, जहां लोग बिना किसी बिचौलिए के अपनी बात रखते हैं।
इसकी शुरुआत भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग समय पर हुई। विशेषकर उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों में यह कार्यक्रम बहुत लोकप्रिय है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में इसे सुव्यवस्थित रूप से लागू किया, ताकि प्रशासन और जनता के बीच की दूरी को कम किया जा सके। यह विचार पारदर्शी और जवाबदेह शासन को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित है।
जनता दर्शन का मुख्य उद्देश्य जनता की समस्याओं, जैसे कि भूमि विवाद, सरकारी योजनाओं में देरी या प्रशासनिक शिकायतों को सुनकर तुरंत कार्रवाई करना है। यह कार्यक्रम भ्रष्टाचार को कम करने, प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाने और जनता का विश्वास जीतने में मदद करता है।